शहर में जगह-जगह बड़े बाजार हैं, अनेकों मल्टी स्टोरी काम्पलेक्स हैं जिसमें लाखों का लेनदेन प्रतिदिन होता है। जाहिर है मार्केट में गाड़ी, मोटर से लोग खरीदारी करने आएंगे। मगर यह कितनी अजीब सी बात लगती है कि बाजारों में वाहन खड़ा करने के लिए पार्किंग की व्यवस्था न हो। इससे लोगों को अपने वाहन खड़ा करने के लिए इधर-उधर देखना पड़ता है। कोई सड़क पर खड़ा कर देता है तो कोई गली में। इससे ट्रैफिक जाम की समस्या के साथ ही पुलिस का भी डर सताता है।
सिविल लाइंस को छोड़कर शहर के किसी भी बाजार में पार्किंग की व्यवस्था नहीं है। जिन बाजारों में मॉल एवं अन्य कामर्शियल बिल्डिंगों में पार्किंग स्थल की व्यवस्था है भी, कारोबारी उसका इस्तेमाल गोदाम के लिए कर रहे हैं। ऐसे में खरीदारों को अपने वाहन सड़कों पर ही खड़े करने पड़ते हैं। इससे जाम की समस्या खड़ी हो जाती है और लोगों का निकलना मुश्किल हो जाता है।
एडीए ने सिविल लाइंस में मल्टीलेवल पार्किंग बनाया :
करीब तीन साल पहले इलाहाबाद विकास प्राधिकरण ने लगभग 32 करोड़ रुपये की लागत से सिविल लाइंस में सुभाष चौराहा के पास मल्टीलेवल पार्किंग का निर्माण कराया। इसके अलावा किसी भी बाजार में पार्किंग के इंतजाम नहीं हैं। सिविल लाइंस में ही महात्मा गांधी, सरदार पटेल मार्ग आदि पर कामर्शियल बिल्डिंगों में पार्किंग के इंतजाम तो हैं लेकिन व्यापारी उसमें अपना सामान रखते हैं। प्राधिकरण के अधिकारी पार्किंग स्थल को खाली कराने के लिए कारोबारियों पर दबाव भी नहीं बनाते हैं। वहीं, कटरा, चौक, जानसेनगंज, बहादुरगंज, अल्लापुर, तेलियरगंज, रामबाग, बैरहना समेत अन्य बाजारों में कामर्शियल भवनों में पार्किंग की व्यवस्था ही नहीं है। इससे खरीदार सड़कों पर ही वाहन खड़ा कर देते हैं, जो जाम का कारण बनता है। सबसे बड़ी समस्या शाम को होती है, जब बाजारों में भीड़ ज्यादा बढ़ जाती है। तब लोगों का सड़कों से निकलना मुश्किल रहता है।
स्मार्ट सिटी में फिलहाल पांच पार्किंग के लिए पांच मार्केट चिह्नित किए गए हैं। स्टेशन रोड के पास लीडर रोड स्थित निगम के वर्कशाप, बहादुरगंज में मोती पार्क में मल्टीलेवल और भूमिगत पार्किंग की डिटेल्स प्रोजेक्ट रिपोर्ट लगभग तैयार है। गऊघाट में जोन ऑफिस, चौक में संजय मार्केट में भी पार्किंग प्रस्तावित है। कटरा में जगह की तलाश जारी है।