कानपुर में बीते दिनों गंगा नदी का जलस्तर घटने से जलीय जीव जंतु की जान पर बना संकट

गंगा नदी की निर्मलता और अविरलता को लेकर सरकारी प्रयासों को उस समय बट्टा लगता दिखा, जब मंगलवार की सुबह अटल घाट पर हजारों की संख्या में मरी मछलियां उतराती दिखाई दीं। मरी मछलियों को देखकर घाट पर आए लोगों में अफरा तफरी मच गई और जानकारी होते ही डीएम ने वजह तलाशने के लिए टीम भेज दी है। टीम अब गंगा के पानी का सैंपल लेकर जांच करके रिपोर्ट देगी। वहीं लोगों का मानना है कि बीते दिनों गंगा नदी में तीन फीट जलस्तर कम हुआ है, जिससे ऑक्सीजन घटना से मछलियों की मौत हुई है।

बीते माह आई थी ऑक्सीजन बढऩे की रिपोर्ट

नमामि गंगे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सीएसए कृषि विश्वविद्यालय में हुई बैठक के बाद बीते फरवरी माह में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने गंगा जल की सैंपलिंग की जांच में ऑक्सीजन लेवल बढऩे पर खुशी जताई थी। गंगा बैराज और शेखपुर तक गंगा जल के नमूनों की जांच की गई थी। आंकड़ों में गंगा नदी में जीलय जीव घोंघा, सीप व झींगा का विचरण बढऩे और घुलित ऑक्सीजन (डीओ) 11 मिलीग्राम प्रति लीटर पहुंचने की बात सामने आई थी। माना जा रहा है उस समय गंगा का जलस्तर खासा अच्छा होने की वजह से पानी साफ था और ऑक्सीजन लेवल बढ़ गया था।

अटल घाट पर मरी मछलियां देखकर हड़कंप

मंगलवार की सुबह गंगा बैराज के पास अटल घाट पर हजारों की संख्या में मरी मछलियां देखकर हड़कंप मच गया। मरी मछलियों को देखकर लोगों ने अधिकारियों को जानकारी दी। मौके पर पहुंचे प्रदूषण विभाग के अफसरों ने अटल घाट पर पानी के नमूने लिए। डीएम ब्रह्मदेव राम तिवारी ने बताया कि घाट पर मछलियों के मरने की जानकारी हुई है। प्रदूषण विभाग की टीम को पानी के नमूने लेकर जांच करने के लिए भेजा गया है। जांच से सामने आएगा कि गंगा में मछलियों की मौत क्यों हुई है।

गंगा में फिर गिरने लगे नाले

नमामि गंगे की बैठक से पहले मुख्यमंत्री के प्रयासों से गंगा नदी में नालों का दूषित पानी का प्रवाह पूरी तरह से बंद करा दिया गया था। यहां तक 127 साल पुराने सीसामऊ नाले को टैप कराकर दूषित जल प्रवाह रोकने के साथ वहां सेल्फी प्वाइंट बना दिया गया था। इस जगह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी सेल्फी ली थी। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के प्रयासों को फिर बट्टा लग रहा है। चोरी छिपे अब भी कई नालों का दूषित पानी गंगा में प्रवाहित हो रहा है। इससे गंगा में घुलित ऑक्सीजन की मात्रा घटने की आशंका बनी है। वहीं बीते दिनों गंगा का जल स्तर भी तीन फीट कम हो गया है।

गंगा प्रहरी ने जताई नाराजगी

सामाजिक संगठन गंगा प्रहरी के रामजी त्रिपाठी ने गंगा की इस स्थिति पर बेहद नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि गंगा जल दूषित है और ऑक्सीजन की कमी है। गंगा में स्नान करने पर खुजली की समस्या हो रही है। इसपर अधिकारियों से शिकायत की थी। पानी की दोबारा जांच के लिए प्रदूषण विभाग ने नमूने भी लिए थे।

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