कानपुर: पूरब के मैनचेस्‍टर में फिर से फिर उगेगा आर्थिक समृद्धि का सूरज

नपुर में आर्थिक समृद्धि और औद्योगिक विकास का इस माटी से पुराना रिश्ता है। कानपुर को छावनी बनाने वाले अंग्रेजों ने यहां चमड़े का कारखाना, सूती कपड़ों की मिल और घोड़े की काठी बनाने वाली हारनेस फैक्ट्री खोली। यह फैक्ट्रियां इस जमीन के लिए औद्योगिक बीज साबित हुईं। चमड़े के कारखाने ने हजारों करोड़ रुपये टर्नओवर वाले टेनरी उद्योग को जन्म दिया तो सूती मिल से शुरू हुआ टेक्सटाइल इंडस्ट्री का सफर वहां तक पहुंचा कि तमाम कपड़ा मिल इस शहर की आर्थिक धुरी ही बन गईं।

यही नहीं, हारनेस फैक्ट्री ने बदलते वक्त के साथ ऑर्डनेंस इक्विपमेंट फैक्ट्री की शक्ल ले ली। सेना की जरूरत के सामान वहां बनने लगे। धीरे-धीरे कुल पांच आयुध कारखानों की स्थापना कानपुर में हो गई। स्वर्णिम इतिहास की चमक एक दौर में फीकी पड़ी। यहां की कपड़ा मिलें तो बंद हो गईं, लेकिन सुनहरे भविष्य की किरणें फिर दिखाई दे रही हैं।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com