कानपुर में लैब असिस्टेंट संजीत यादव के अपहरण और हत्या के मामले में पुलिस को अभी तक लाश नहीं मिली है. मृतक के पिता ने कहा कि अगर संजीत की लाश नहीं मिलती है तो हम आत्महत्या कर लेंगे. इस बीच मंगलवार को फॉरेंसिक टीम ने उस मकान की जांच की, जहां पर अपहरण के बाद संजीत को रखा गया था.

पुलिस की माने तो इसी मकान में 26/27 जून की रात को संजीत यादव की हत्या की गई थी. फॉरेंसिंक टीम को कमरे में जगह-जगह खून के धब्बे मिले हैं. जांच अधिकारी का दावा है कि अपराधियों ने कत्ल के बाद खून को धो दिया था, लेकिन हमारी जांच में खून के धब्बे मिल गए हैं. दो जगह खून के छींटे पड़े हैं. साथ ही एक साड़ी मिली है, जिस पर खून के धब्बे लगे हैं.
गौरतलब है कि 22 जून की शाम को संजीत यादव का अपहरण कर लिया गया था. इसके बाद तीस लाख रुपये की फिरौती मांगी गई थी. परिजनों ने पुलिस में शिकायत की थी. पुलिस ने फिरौती देने के लिए कहा था. इसके बाद परिजनों ने गहने-जेवर बेचकर पैसे इकट्ठा किए और अपहरणकर्ताओं की बताई जगह पर फेंक दिया.
फिरौती देने के बाद भी संजीत यादव की हत्या कर दी गई. आरोप है कि अपहरणकर्ताओं को तीस लाख रुपये नहीं मिले. संजीत की बहन का कहना है कि अगर पैसे अपहरणकर्ताओं को नहीं मिले तो पुलिस ने खा लिए होंगे. खैर इस मामले में अब तक पांच हत्यारोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं.
योगी सरकार ने एसपी समेत एक सीओ, एक इंस्पेक्टर, एक एसआई को सस्पेंड भी किया गया है. एसएसपी का ट्रांसफर करके नए एसएसपी को पोस्ट किया गया है, लेकिन अभी तक संजीत की लाश नहीं मिली है. संजीत के पिता चमन लाल का कहना है कि जब तक संजीत की लाश नहीं मिलती, हमें पुलिस की जांच पर भरोसा नहीं है.
संजीत यादव के पिता चमन लाल ने कहा कि मकान में भी पुलिस ड्रामा कर रही है. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर जल्दी ही लाश नहीं मिली तो हम आत्महत्या तक कर सकते हैं. इससे पहले परिवार ने पूरे मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की थी. परिवार का कहना है कि हमें पुलिस पर भरोसा नहीं है.
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