पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के समय में रहे प्रेस अधिकारी राजेंद्र जोशी के छोटे बेटे उद्भव जोशी की कूलर के तार से गला घोंटकर हत्या कर दी गई। वह चार दिसंबर को अपने ऑफिस गया था, लेकिन वह घर नहीं लौटा। पांच दिसंबर को उद्भव के भाई ने उसके गायब होने की रिपोर्ट बागसेवनिया थाने में दर्ज करवाई। शिकायत दर्ज होने के बाद पुलिस ने जांच शुरु कर दी। जांच के दौरान पुलिस को प्लास्टिक के बोरे में उद्भव की लाश मिनाक्षी प्लेनेट सिटी चौराहे के पास खाली प्लॉट में मिली। बागसेवनिया पुलिस ने छह घंटे बाद इस मामले में रिटायर्ड इनकम टैक्स अफसर के बेटे अभिजीत साकल्ले को पकड़ लिया।
आरोपी के पकड़े जाने के बाद खुलासा हुआ कि उद्भव और अभिजीत अच्छे दोस्त थे। एक दिन दोनों के बीच लड़की को लेकर विवाद हो गया। जिसके बाद अभिजीत ने उद्भव की हत्या कर दी। वारदात के बाद आरोपी ने 37 घंटे तक शव को अपने पलंग के पीछे छिपा कर रखा। आरोपी ने 6 दिसंबर को अपने चचेरे भाई की मदद से शव को बोरे में भरकर मिनाक्षी प्लेनेट सिटी के पास फेंक दिया।
एएसपी राजेश ने सिंह भदौरिया ने बताया कि उद्भव का स्कूटर छह दिसंबर को प्रगति पेट्रोल पंप के पास लावारिस अवस्था में मिला। तहकीकात करने पर पुलिस को सोमवार दोपहर 2:36 बजे मीनाक्षी प्लेनेट सिटी चौराहे से 30 मीटर अंदर खाली प्लॉट पर बोरे में लाश मिली। उसके गले में कूलर का वायर लिपटा हुआ मिला।
पुलिस ने उद्भव की जेब चेक किया। उसमें उन्हें एटीएम कार्ड नहीं मिला। पुलिस ने उस बैंक के खाते से जानकारी ली तो पता चला कि रविवार-सोमवार को दो बार 40 हजार रुपए निकाले गए हैं। एटीएम की फुटेज चेक की गई तो पता चला पैसे निकालने वाला उद्भव का दोस्त अभिजीत साकल्ले है। जिसके बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। फिलहाल पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है। अभिजीत के चचेरे भाई को भी हिरासत में लिया गया है।