कांग्रेस के गढ़ रायबरेली से पार्टी के निर्णय के खिलाफ जाने वाली युवा विधायक अदिति सिंह के तेवर भी बागी हैं। पार्टी के बहिष्कार के बाद भी महात्मा गांधी की जयंती पर विधानमंडल के विशेष सत्र में भाग लेने वाली अदिति सिंह को कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता ने नोटिस भेजकर दो दिन में जवाब मांगा है।
इस नोटिस की बाबत अदिति ने कहा कि उनको कोई नोटिस नहीं मिला है। पार्टी के नेता ने मीडिया में नोटिस दिया होगा। उनके तेवर पार्टी के इस बर्ताव के कारण बेहद तल्ख हैं।
महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती पर आहूत विधान मंडल के विशेष सत्र को लेकर कांग्रेस पार्टी में घमासान तेज हो गया। बहिष्कार के बावजूद सदन की कार्यवाही में शामिल होने पर पार्टी की विधायक अदिति सिंह को कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता अजय कुमार लल्लू ने अनुशासन तोडऩे का नोटिस भेजते हुए दो दिन में जवाब तलब किया है। उधर रायबरेली में कांग्रेसियों ने अदिति का कार्यालय के बाहर प्रदर्शन भी किया।
उन्होंने कहा कि दो दिन में जवाब न मिलने पर कार्रवाई की जाएगी। अदिति नैतिकता और अपने विचारों की बात करती हैं तो इस्तीफा देकर चुनाव लड़ें, न कि पार्टी में रह कर अनुशासनहीनता करें। उनमें जरा भी नैतिकता है तो पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दें। इसके बाद भाजपा की गोद में बैठकर नैतिकता की लफ्फाजी करें।
अदिति ने कहा-नहीं मिला कोई नोटिस
कांग्रेस की ओर से नोटिस जारी करने पर विधायक अदिति सिंह ने कहा कि मुझे कोई कारण बताओ नोटिस नहीं मिला है। उन्होंने मीडिया में बांट दिया, लेकिन मुझे नहीं दिया गया। कांग्रेस विधानमंडल के नेता अजय लल्लू मेरे फोन का जवाब नहीं दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि विधायक राजेश सिंह और विधान परिषद सदस्य दिनेश सिंह के बारे में क्या हुआ, उनका कारण बताओ नोटिस कहां है। इससे पहले अदिति सिंह ने अनुच्छेद 370 हटाने के मोदी सरकार के फैसले का समर्थन किया था।
रायबरेली में शुक्रवार दोपहर बाद पार्टी नेता और कार्यकर्ता नारे लिखीं तख्तियां लेकर कोतवाली रोड स्थित विधायक कार्यालय (जिसे कोठी भी बोला जाता है) के बाहर इकट्ठा होकर नारेबाजी करते हुए धरने पर बैठे। इसी बीच कोठी से अदिति सिंह के समर्थक भी बाहर निकल आए। उनकी कांग्रेसियों से भिड़ंत हो गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने हालात नियंत्रित कर लिए। कांग्रेस के जिला अध्यक्ष वीके शुक्ल ने कहा कि ऐसे मौका परस्तों को पार्टी से निलंबित किया जाना चाहिए।