रायबरेली से कांग्रेस की बागी विधायक अदिति सिंह के तेवर पार्टी को लेकर कम होने के बजाय लगातार सख्त होते जा रहे हैं. अदिति सिंह ने अब कांग्रेस पार्टी के सारे वाट्सऐप ग्रुप को छोड़ दिया है.
इससे पहले उन्होंने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से कांग्रेस का नाम हटा दिया था. हालांकि, कांग्रेस ने भी अदिति के बगावती रुख को देखते हुए पहले ही विधानसभा अध्यक्ष को उनकी सदस्यता खत्म करने की अर्जी दे रखी है.
बता दें कि अदिति सिंह पिछले एक साल से कांग्रेस के खिलाफ बागवती तेवर अख्तियार किए हुए हैं. ऐसे में कांग्रेस पार्टी विरोधी गतिविधियां करने का आरोप उन पर लगाया गया था और कारण बताओ नोटिस जारी करके जवाब भी मांगा गया था.
इतना ही नहीं कांग्रेस की अदिति सिंह को पार्टी के महिला संगठन से भी हटा दिया गया था. कांग्रेस के सारे वाट्सऐप ग्रुप से अदिति सिंह के बाहर होते ही उत्तर प्रदेश में सियासी चर्चाएं गर्म हैं.
दरअसल, अदिति सिंह लंबे समय से कांग्रेस विरोधी गतिविधियों में शामिल रही हैं. पिछले साल से पार्टी व्हिप का उल्लंघन करते हुए अदिति विधानसभा के विशेष सत्र में शामिल होने पहुंची थीं.
इसके बाद उन्हें पार्टी की तरफ से कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया था. कश्मीर से धारा 370 हटाने के मसले पर भी अदिति ने कांग्रेस से अलग अपना पक्ष रखा था. हाल ही में कोरोना वॉरियर्स के लिए पीएम मोदी की अपील पर भी उन्होंने दीये जलाये थे.
पिछले दिनों बस विवाद पर कांग्रेस और योगी सरकार आमने-सामने थी तो अदिति पार्टी के खिलाफ खड़ी नजर आई थीं. अदिति सिंह ने ट्वीट कर कहा था, ‘आपदा के वक्त ऐसी निम्न सियासत की क्या जरूरत? एक हजार बसों की सूची भेजी, उसमें भी आधी से ज्यादा बसों का फर्जीवाड़ा, 297 कबाड़ बसें, 98 ऑटो रिक्शा व एंबुलेंस जैसी गाड़ियां, 68 वाहन बिना कागजात के, यह कैसा क्रूर मजाक है, अगर बसें थीं तो राजस्थान, पंजाब, महाराष्ट्र में क्यूं नहीं लगाई?’
अदिति ने दूसरे ट्वीट में लिखा था, ‘कोटा में जब यूपी के हजारों बच्चे फंसे थे तब कहां थीं ये तथाकथित बसें. तब कांग्रेस सरकार इन बच्चों को घर तक तो छोड़िए, बॉर्डर तक ना छोड़ पाई, तब योगी आदित्यनाथ जी ने रातों रात बसें लगाकर इन बच्चों को घर पहुंचाया, खुद राजस्थान के सीएम ने भी इसकी तारीफ की थी.
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