कांग्रेस को इन दिनों अहमद पटेल जैसे किसी नेता की तलाश है, जो पार्टी के लिए फंड जुटा सके। इसके अलावा वह गांधी परिवार का विश्वासपात्र भी हो। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने फिलहाल पवन बंसल को कोषाध्यक्ष की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी है, लेकिन फंड जुटाने के लिए पार्टी को पूर्णकालिक नेता की तलाश है। कोषाध्यक्ष के लिए राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत के नाम पर सबकी नजरें टिकी हैं।

अगले साल पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु विधानसभा के चुनाव हैं। इसके लिए पार्टी को फंड जुटाना है। ऐसे में पार्टी को किसी असरदार नेता की तलाश है। पार्टी की कमान चूंकि राहुल गांधी को सौंपने की तैयारी चल रही है, ऐसे में उनके विश्वासपात्र अशोक गहलोत का नाम प्रमुखता से आ रहा है।
राहुल खेमे के नेता के मुताबिक बतौर संगठन महासचिव काम कर चुके गहलोत वरिष्ठता और भरोसे के लिहाज से पार्टी के लिए संसाधन जुटाने में कारगर होंगे। उन्होंने बताया कि राज्यों में सिमट रही कांग्रेस कुछ सालों से संसाधन के संकट से जूझ रही है। पार्टी ने हाल ही में अपने नए मुख्यालय पर भी काफी रकम खर्च किया है।
राहुल खेमे के नेता असंतुष्ट नेताओं के ग्रुप 23 में से किसी को यह जिम्मेदारी सौंपने के पक्ष में नहीं हैं। गहलोत सरकार दो साल का कार्यकाल पूरा करने जा रही है और सचिन पायलट के खेमे को भी संतुष्ट करना है। ऐसे में नेतृत्व उन्हें इस पद के लिए तैयार करना चाहता है।
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