पंजाब में कांग्रेस का किला धवस्त होता जा रहा है। पार्टी बिखरती जा रही है। 2022 के बाद पार्टी छोड़ने वालों की लंबी कतार है। लोकसभा चुनावों की घोषणा के बाद कई दिग्गजों ने पार्टी छोड़ दी है।
तजिंदर बिट्टू और कर्मजीत कौर चौधरी पंजाब में भाजपा में नई पारी शुरू करने के लिए पार्टी छोड़ने वाले कांग्रेस नेताओं की बढ़ती सूची में नवीनतम नाम हैं। पंजाब में कांग्रेस का किला ध्वस्त होता जा रहा है और नेताओं द्वारा पार्टी छोड़कर दूसरे दलों में जाने के लिए दौड़ लगी हुयी है।
भाजपा की पंजाब इकाई की कमान भी सुनील जाखड़ के हाथ है, जो पीपीसीसी के प्रधान, सांसद व कांग्रेस सरकार में मंत्री रह चुके हैं। हाल ही में, अमरिंदर की पत्नी परनीत कौर, जो पटियाला से कांग्रेस सांसद थीं, वह भी भाजपा में शामिल हो गईं।
इसके कुछ दिन बाद लुधियाना से सांसद रवनीत बिट्टू भी कांग्रेस को अलविदा कहकर भाजपा की टिकट लेकर मैदान में आ गए। कांग्रेस के पूर्व विधायक सुशील रिंकू ने पिछले साल कांग्रेस छोड़ी और आप का हिस्सा बनकर जालंधर से सांसद बने और अब भाजपा की टिकट पर मैदान में हैं।
तीन बार सांसद रहे बिट्टू भी एक प्रमुख कांग्रेस परिवार से आते हैं। उनके दादा, बेअंत सिंह, जो 1992 और 1995 के बीच पंजाब के पूर्व सीएम थे, की खालिस्तान उग्रवाद के दौरान हत्या कर दी गई थी। उनके भाई गुरकीरत सिंह कोटली अभी भी लुधियाना जिले के खन्ना निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस विधायक हैं।
कांग्रेस के विधायक राजकुमार चब्बेवाल ने कांग्रेस छोड़ दी और आप ज्वाइन कर इस्तीफा दे दिया। चब्बेवाल होशियारपुर से आप के उम्मीदवार हैं। दरअसल, 2022 के विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को हटाकर चरणजीत सिंह चन्नी को सीएम बनाया। जिसके बाद पंजाब में कांग्रेस की नींव हिल गई।
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने तो पार्टी को अलविदा कहा उनके साथ कई नेता पूर्व मंत्री गुरमीत सिंह राणा सोढ़ी, केवल सिंह ढिल्लों, सुंदर शाम अरोड़ा समेत कई दिग्गजों ने पार्टी को अलविदा कह दिया।
सुनील जाखड़ भी नवजोत सिंह सिद्धू को पीपीसीस अध्यक्ष व उनको सीएम न बनाये जाने से नाराज थे, उनहोंने भी भाजपा को ज्वाइन कर लिया। मनप्रीत सिंह बादल भी कांग्रेस को अलविदा कहकर भाजपा में चले गए।