कांग्रेस का गढ़ मानी जाती है जालंधर लोकसभा सीट, तेरह बार पार्टी लहराया चुकी है परचम

कांग्रेस का गढ़ मानी जाती है जालंधर लोकसभा सीट, तेरह बार पार्टी लहराया चुकी है परचम

दोआबा क्षत्र की जालंधर लोकसभा सीट एनआरआइ के गढ़ व खेल नगरी के रूप में अपनी पहचान रखती है। 1999 से 2014 तक यहां कांग्रेस काबिज रही। 1951 से 2014 तक 13 बार यहां कांग्रेस ने जीत हासिल की है। क्षेत्र की बड़ी आबादी प्रत्यक्ष का अप्रत्यक्ष रूप से इंडस्ट्री सेक्टर व व्यापार से जुड़ी है। यहां खेल सामग्री का निर्माण करने वाली छोटी-बड़ी 400 से ज्यादा इकाइयां हैं। इसके अलावा पाइप फिटिंग, हैंड टूल व लेदर उत्पाद तैयार करने में भी जालंधर देश में अग्रणी है। एनआरआइज का यहां खासा दबदबा है। पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह जालंधर कैंट विधानसभा हलके चुनाव लड़ते रहे हैं। कांग्रेस का गढ़ मानी जाती है जालंधर लोकसभा सीट, तेरह बार पार्टी लहराया चुकी है परचम 

विधानसभा हलकों में किसका दबदबा

जालंधर नॉर्थ- कांग्रेस
जालंधर वेस्ट- कांग्रेस
जालंधर सेंट्रल- कांग्रेस
जालंधर कैंट- कांग्रेस
फिल्लौर- शिअद
नकोदर- शिअद
शाहकोट- कांग्रेस
करतारपुर- कांग्रेस
आदमपुर- शिअद

फैक्ट फाइल
कुल वोटर्स: 1,574,968

पुरुष वोटर्स: 8,22,740
महिला वोटर्स: 7,52,205

पांच साल में बड़ी घटना

सितंबर 2018 में मकसूदां थाने में आतंकी हमला हुआ, जिसमें चार पुलिसकर्मी जख्मी हुए। चार कश्मीरी आतंकी गिरफ्तार हुए।

विकास की हालत

सड़कों की हालत खराब है। कूड़ा व आवारा कुत्तों की समस्या है। केंद्र की योजनाओं का सही क्रियान्वयन न होने के कारण लोगों को पूरा लाभ नहीं मिल पा रहा है।

स्थानीय मुद्दे
 

  • फर्जी ट्रेवल एजेंटों की ठगी।
  • आदमपुर एयरपोर्ट से फ्लाइटों की संख्या बढ़ाने व नाम जालंधर एयरपोर्ट करने की मांग।
  • स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में तीन साल की देरी
  • सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट।
  • शहर व ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों की खराब हालत।

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