केरल: मोदी सरकार ने पशुओं पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ उनकी बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है, लेकिन कुछ लोग बीफ के लिए इतने अंधे हो गये हैं कि वो किसी भी हद तक जा सकते हैं। केरल में इस बैन का सबसे ज्यादा विरोध किया जा रहा है। केरल की सरकार ने मोदी सरकार के इस कदम को ‘फांसीवादी व संघीय ढांचे के खिलाफ’ बताया है। कांग्रेसी नेताओं ने भी इस फैसले का विरोध किया है। आज भारतीय जनता पार्टी की दिल्ली इकाई के प्रवक्ता तेजिंदर पाल सिंह बग्गा ने ट्विटर पर एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ता इस बैन के विरोध में सरेआम ‘गाय’ की हत्या करते दिख रहे हैं।

बीफ बैन के खिलाफ यूथ कांग्रेस ने सरेआम काटी गाय
तेजिंदर पाल सिंह बग्गा द्वारा शेयर किये गये इस वीडियो में दिख रहा है कि कुछ लोग ‘यूथ कांग्रेस जिंदाबाद’ के नारे लगा रहे हैं और एक व्यक्ति नीचे पड़े जानवर के टुकड़े-टुकड़े कर रहा है। इस दौरान जमकर नारेबाजी हो रही है और कुछ लोग पूरी घटना का वीडियो बनाते दिख रहे हैं। बग्गा ने इस वीडियो को ट्वीटर पर शेयर करते हुए इसे 100 करोड़ हिन्दुओं को चुनौती बताया है।
बग्गा ने लिखा है “कांग्रेस ने खाली ये गाय नहीं काटी है बल्कि 100 करोड़ हिन्दुओं को चुनौती दी है। 100 करोड़ हिन्दुओं की भावनाओं को भड़काने का काम किया है।” गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने पशुओं की खरीद-फरोख्त से जुड़े नियमों में बदलाव करते हुए इसे और सख्त कर दिया है, जिसके खिलाफ केरल में बवाल मचा है।
गायों की बिक्री पर रोक पर केरल में जमकर विरोध –
पशुओं की खरीद-फरोख्त से जुड़े नियमों को केंद्र सरकार के सख्त करने के बाद केरल में बवाल मचा हुआ है। इससे पहले यहां वामपंथी छात्र संगठन एसएफआई ने तिरुवनंतपुरम के विश्वविद्यालयों और कालेजों के सामने बीफ पकाया और खाया इसका विरोध किया था। केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने भी इस नए नियम के खिलाफ पीएम को चिट्ठी लिखी है। उन्होंने केन्द्र सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है।
उन्होंने नए प्रतिबंधों को हटाने की मांग करते हुए, देश के लाखों पशुपालकों, किसानों की आजीविका को सुरक्षित करने का हवाला दिया है। विजयन ने लिखा है कि केरल में आबादी का बड़ा हिस्सा मांसाहारी है। यही स्थिति देश के दक्षिणी और पूर्वोत्तर राज्यों में भी है। विजयन ने असम, बिहार, छत्तीसगढ़, गोवा, जम्मू एवं कश्मीर, झारखंड, महाराष्ट्र, ओडिशा और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में भी मांसाहारियों की संख्या को काफी अधिक बताया है|
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