कहीं नहीं जाते अजातशत्रु, अटल बिहारी वाजपेयी ने शब्दों में संकोच नहीं किया

बात है सन 1956 की। अटल बिहारी वाजपेयी अपने पिता का आपरेशन कराने लखनऊ मेडिकल कालेज पहुंचे। वहां एक युवा डाक्टर भी था। साल भर बाद अटल जी सांसद हो गए तो उन्हें बताए बिना वह युवा उनका भाषण सुनने संसद जा पहुंचा। भाषण के दौरान अटल जी की आंख डाक्टर पर पड़ी तो शाम को वह उन्हें लेकर अपने घर गए, खुद बनाकर चाय पिलायी और फिर बाहर तक छोडऩे गए। यह युवा थे डा. सतीश चंद्र राय जो बाद में लखनऊ के मेयर हुए

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com