कॉलेज खुल गए हैं। एडमिशन भी अब लगभग खत्म हो गए हैं। नए छात्र अपने सपनों के साथ कैैंपस पहुंचने भी लगे हैं। ऐसे में नए कॉलेज में नई-नई कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। इन्हीं में से एक समस्या है रैगिंग। हाल ही में सैफई के मेडिकल कॉलेज से रैगिंग की घटना सामने आई है। आरोप है कि सीनियर्स ने जूनियर्स के सिर मुड़वा दिए। अब आप सोच रहे होंगे कि अगर ऐसा आपके भी साथ हो, तो क्या करेंगे। आइए जानते हैं…
रैगिंग को रोकने के लिए सरकार काफी सख्त है। सरकार ने इसे रोकने के लिए एंटी रैगिंग कानून बनाया है। रैगिंग करते हुए पकड़े जाने पर सजा का प्रावधान है। ऐसे मामले में 2 साल की जेल या 10 हजार का जुर्माना या फिर दोनों हो सकता है। अगर आपके साथ रैगिंग हो रही है, तो आपको शिकायत दर्ज करनी होगी।
विश्वविद्यालयों और कॉलेज में एंटी रैंगिग कमेटी होती है। इसके अलावा आप यूजीसी के हेल्पलाइन नंबर 18001805522 पर भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। इसके अलावा आप रैंगिग की शिकायत पुलिस स्टेशन में भी कर सकते हैं। ऐसे में 24 घंटे के अंदर में प्रशासन को पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज करवानी होगी।
क्या होती रैगिंग
अक्सर कॉलेज और विश्वविद्यायस में सीनियर्स पहचान और व्यवहार बनाने के लिए जूनियर्स से बात करते हैं। जिसे कॉलेज की कॉमन भाषा में इंट्रो कहते हैं। यह रैगिंग नहीं है। रैगिंग के कुछ पैमाने हैं। अगर आपके रंग रूप, पहनावे के आधार पर टिप्पणी की जाए, जिससे स्वाभिमान को ठेस पहुंच सकती है या फिर अजीबोगरीब नाम से बुलाया जाए। या फिर भाषा, क्षेत्रीयता या जाति के आधार अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल कर पुकारा जाए।
नस्ल, पारिवारिक अतीत या आर्थिक आर्थिक पृष्ठभूमि को लेकर लज्जित किया जाए। अपमानजनक या अजीबोगरीब नियमों से परेशान किया जाए। धर्म, जाति और क्षेत्रीयता के आधार पर मजाक उठाया जाए, तो माना जाता है कि आपकी रैगिंग की जा रही है। अगर आपके साथ ऐसा हो रहा है, तो तुरंत शिकायत करें।