एजेंसी/कट्टरपंथी हुर्रियत कॉनफ्रेस के अध्यक्ष सैयद अली शाह गिलानी ने ब्रिटेन के विदेश सचिव फिलिप हैमंड के कश्मीर को लेकर दिए गए बयान को तर्कहीन करार देते हुए कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर सबसे बड़ा विवाद का मुद्दा है।
हैमंड ने मंगलवार को पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज से मुलाकात के दौरान कहा था कि भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत के लिए कश्मीर मुद्दे का समाधान पूर्व शर्त नहीं होना चाहिए।
गिलानी ने हैमंड के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अतीत में भी इस मुद्दे की अनदेखी करने से कोई फायदा नहीं हुआ और भविष्य में भी इसके अनदेखी से कोई ठोस उम्मीद नहीं कर सकते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कश्मीर विवाद को जन्म देने में ब्रिटिश सरकार ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और उनके विदेश सचिव का ताजा बयान यह दर्शाता है कि वे इस मुद्दे का हल नही चाहते है ताकि भारत और पाकिस्तान हमेशा एक दूसरे के साथ उलझे रहे।
उन्होंने कहा कि इस विवाद की वजह से ना केवल 15 लाख कश्मीरी लोग पीड़ित हैं बल्कि पिछले सात दशकों से भारत और पाकिस्तान एक दूसरे के साथ युद्ध की स्थिति में हैं और दोनों देश राजनीतिक अनिश्चितता और अस्थिरता से पीड़ित हैं। दोनों देशों के बीच इस विवाद के कारण तीन बार बड़े स्तर पर युद्ध हो चुका है और दोनों देश अपने बजट का बड़ा हिस्सा हथियारों को खरीदने में खर्च करते है।
गिलानी ने कहा कि ब्रिटेन नहीं चाहता है कि इस समस्या का स्थायी हल निकले जिससे दोनों देश विकास और समृद्धि के साथ नए युग की शुरूआत कर सके। उन्होंने दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों से अपील किया कि वे राजनीतिक परिपक्वता दिखाएं क्योकि क्षेत्र में स्थाई शांति के लिए कश्मीर विवाद के समाधान जरूरी है।