नई दिल्ली : कश्मीर के पत्थरबाजों से निपटने के लिए अब सरकार ने दूसरा रास्ता अख्तियार कर लिया है.गृह मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार गृह मंत्रालय ने सुरक्षा बलों से कहा है कि वे पैलेट गन की जगह प्लास्टिक बुलेट का इस्तेमाल करें. साथ ही यह भी कहा है कि सुरक्षाबल पैलेट गन का इस्तेमाल अंतिम विकल्प के रूप में करें.
बता दें कि घाटी में प्रदर्शनकारियों पर पैलेट गन के इस्तेमाल को लेकर गृह मंत्रालय पहले भी दिशा-निर्देश जारी कर चुका है. गृह मंत्री राजनाथ सिंह कई बार दोहरा चुके हैं कि सुरक्षाबलों को पैलेट गन का इस्तेमाल तभी करना चाहिए जब यह लगे कि अब इसके सिवाय कोई दूसरा विकल्प नहीं बचा है.
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स्मरण रहे कि इसके पूर्व केन्द्र सुप्रीम कोर्ट को बता चुका है कि वह रबड़ की गोलियों जैसा भीड़ नियंत्रण विकल्प कि तलाश में है. लेकिन यह पैलेट गन जैसा घातक नहीं होगा.इसे कश्मीर घाटी में हिंसा को शांत करने के लिए अंतिम उपाय के रूप में प्रयोग किया जा रहा है.
आपको जानकारी दे दें कि कोर्ट को अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने बताया कि केन्द्र ने पैलेट गनों के अलावा तीखी गंध वाले पानी की बौछार, लेजर डैजलर और मिर्च वाली गोलियों जैसे अन्य विकल्पों पर गौर किया जो विवादित पैलेट गनों की तरह ‘बहुत सफल नहीं’पाए गए. बता दें कि शीर्ष अदालत ने घाटी में हिंसक भीड़ से निपटने के लिए पैलेट गनों के प्रयोग से उत्पन्न मुद्दों को ‘बहुत महत्वपूर्ण’ बताया था.
जबकि दूसरी ओर इसे ‘संवेदनशील मुद्दा’बताने वाली अदालत ने पैलेट गनों के प्रयोग के खिलाफ पाबंदी की मांग करने वाले जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन, श्रीनगर को इस मामले का राजनीतिकरण करने को लेकर आगाह करते हुए कहा कि वह किसी का पक्ष नहीं ले सकता, क्योंकि वह न तो सुरक्षा बल और ना ही प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हैं.
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