रीजनल ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी (आरटीए) के ड्राइविंग ट्रैक पर कर्मचारियों ने बैकलॉग एंट्री के नाम पर एजेंटों का जाल बिछा दिया है। उन्होंने बैकलॉग एंट्री वाला केबिन बंद करके दूसरी जगह काम शुरू कर दिया है। इसके बारे में न तो पुरानी जगह कोई सूचना दी गई है और न ही नई जगह पर कोई नोटिस लगाया गया है। नतीजा, पुराना केबिन को बंद देख परेशान लोग एजेंटों के जाल में फंस रहे हैं। आरटीए दफ्तर में यह नई दिक्कत मंगलवार को तब उजागर हुई जब यहां तैनात कर्मचारी ने नई जगह का दरवाजा भी लॉक करवा दिया। बता दें कि ट्रैक पर अधिकारियों की निगरानी न होने के कारण मनमानी चल रही है। इस बारे में आरटीए की सेक्रेटरी डॉ. नयन जस्सल को फोन किया गया तो उन्होंने बात करना भी मुनासिब नहीं समझा।
बाहर लगा ताला, अंदर चल रहा था काम
मंगलवार को लोग बैकलॉग एंट्री का काम कराने पहुंचे तो बाहर बना केबिन बंद था। हालांकि उस पर स्पष्ट लिखा हुआ है कि बैकलॉग एंट्री यहां होती है। काफी पूछताछ के बाद पता चला कि यह काम दूसरे कमरे में शिफ्ट कर दिया गया है। लोग वहां पहुंचे तो कमरे को बाहर से ताला लगा हुआ था। कामकाज के समय में ताला लगे होने की पड़ताल की तो पता चला कि कर्मचारी अंदर काम कर रहे हैं। पब्लिक उन तक न पहुंच सके, इसलिए बाहर से ताला लगवा दिया गया है। हालांकि वहां तैनात कर्मचारी का कहना था कि ट्रैक के क्लर्क छुट्टी पर हैं और ड्राइविंग लाइसेंसों की अप्रूवल का काम रुका हुआ है। इस काम में देरी की वजह से लोगों को ड्राइविंग लाइसेंस मिलने में देरी न हो, इसलिए फाइलें अप्रूव करने की वजह से बाहर से ताला लगा काम किया जा रहा था।
यह होती है बैकलॉग एंट्री
असल में अब ट्रांसपोर्ट विभाग में सारा काम ऑनलाइन हो चुका है लेकिन जो लाइसेंस इससे पहले के बने हुए हैं, उनकी पहले सॉफ्टवेयर में एंट्री डाली जाती है, तभी वो लाइसेंस रिन्यू होते हैं या डुप्लीकेट निकाले जा सकते हैं। बैकलॉग एंट्री पुराने रिकॉर्ड की जांच कर की जाती है।