अगले महीने से कंपनियां उन कर्मचारियों को कांट्रेक्ट पर नहीं रख पाएंगी, जो फुल टाइम काम कर रहे हैं। श्रम मंत्रालय ने इस बाबत इस पर एक प्रस्ताव तैयार कर लिया है, जिसको कैबिनेट में मुहर लगाने के लिए भेजा जाएगा।
एक अधिकारी ने कहा कि, ‘निश्चित अवधि के लिए रोजगार पर रखे गए कर्मचारियों के हितों की सुरक्षा के लिए हम कुछ उपाय करेंगे। नया कानून आने के बाद सबसे पहले तो कंपनियों को स्थायी कर्मचारियों को निश्चित अवधि के लिए रोजगार पर रखे गए कर्मचारियों में तब्दील करने से रोका जाएगा।’
बजट में वित्त मंत्री ने की थी घोषणा
1 फरवरी को पेश किए गए आम बजट में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इसके लिए घोषणा की थी। आरएसएस द्वारा समर्थित भारतीय मजदूर संघ, नेशनल फ्रंट ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियंस और ट्रेड यूनियन कोऑर्डिनेशन सेंटर जैसे कर्मचारी संघों ने भी निश्चित अवधि के लिए रोजगार की व्यवस्था की पहल का समर्थन किया।
कांट्रेक्ट पर रखे गए कर्मचारियों को भी मिलेंगी यह सुविधाएं
अगर कोई कंपनी कांट्रेक्ट पर भी अपने यहां कर्मचारियों को रखती है तो भी उनको उस समय अवधि के लिए सभी तरह की सुविधाएं जैसे कि पीएफ, ईएसआई, बोनस आदि का लाभ दिया जाएगा। इसके साथ ही अगर कार्य के दौरान किसी कर्मचारी के साथ कोई दुर्घटना या फिर मृत्यु हो जाती है तो फिर कंपनी को मुआवजा भी देना होगा।