करोलबाग में इन दिनों रेहड़ी-पटरी वालों का अतिक्रमण बढ़ता जा रहा है। उसमें भी उत्तरी दिल्ली नगर निगम की ओर से वाहनमुक्त बनाए गए अजमल खां रोड पर इनका प्रभाव ज्यादा है।
इस कारण स्थानीय दुकानदारों के साथ खरीदारों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उनका कहना है कि पटरी वालों के अवैध तरीके से लगाए जा रहे इस बाजार के कारण उनके ग्राहक दुकान तक नहीं पहुंच पाते और बिना खरीदारी किए ही लौट जा रहे हैं।
अजमल खां रोड के बाजार का सोमवार को साप्ताहिक अवकाश होता है। इस कारण बाजार की दुकानें बंद होती हैं तो पूरी सड़क पर रेहड़ी-पटरी वालों का अवैध कब्जा बढ़ जाता है। गौरतलब है कि अजमल खां रोड पर नगर निगम ने एक मई से वाहनों के प्रवेश को प्रतिबंधित किया हुआ है। वहीं, चुनिंदा रेहड़ी पटरी वालों को बैठने के लाइसेंस दिए गए हैं। जब इस सड़क को वाहनमुक्त करने की प्रक्रिया चल रही थी, तभी यहां के दुकानदारों ने रेहड़ी-पटरी वालों के कब्जे का अंदेशा जताया था। जो अब सच लग रहा है। दुकानदारों के मुताबिक नगर निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों की गंभीरता कुछ दिनों तक ही रही। बाद में वह भी लापरवाह हो गए। इसलिए अतिक्रमण बढ़ गया है।
दुकानदार मनीष का कहना है कि सप्ताह में एक दिन सड़क पर पटरी वालों का सुबह से लेकर रात तक कब्जा रहता है, जिसके कारण उनके ग्राहक दुकान तक नहीं पहुंच पाते हैं। दुकानदार विवेक गर्ग ने बताया कि सड़क व्हीकल फ्री होने से व्यापारियों को बड़ी राहत मिली थी, लेकिन अब पटरी वालों के कारण फिर व्यापारियों को परेशानी हो रही है। व्यापारी संदीप सिंघल ने कहा कि पटरी वाले सुबह आठ बजे से ही सड़क पर अपनी दुकानें सजा लेते हैं, लेकिन जैसे ही उन्हें भनक लगती है कि निगम की टीम मौके पर आ रही है तो वह अपना सामान उठाकर वहां से भाग जाते हैं। टीम के जाने के बाद वह दोबारा करोलबाग बाजार में आ जाते हैं। इसके बाद वे दोबारा अपनी दुकानें सजा लेते हैं।