कैथल (जयपाल) : साल 2024 में कैथल विजीलैंस ने रिश्वतखोरों पर जमकर कार्रवाई की। टीम ने कुल 18 रिश्वतखोर को पकड़कर सलाखों के पीछे भेजा। पूरे साल में भ्रष्टाचार के मामलों में सबसे बदनाम पंचायती राज विभाग रहा। इसके साथ ही माइनिंग, पुलिस, बिजली, जिला परिषद व एच.एस.वी.पी. विभाग के कई अधिकारी व कर्मचारी पकड़े गए थे। इसके साथ ही विजीलैंस ने उनका साथ देने वाले बिचौलियों यानी प्राइवेट लोगों पर भी कार्रवाई की है।
विजीलैंस की सबसे बड़ी कार्रवाई जिला परिषद में कोरोना काल के दौरान 7 करोड़ रुपए का सफाई घोटाला चर्चा में रहा, क्योंकि इसमें ए.सी.बी. की टीम ने 8 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। इनमें 2 गजटिड और बाकी नॉन-गजटिड अधिकारियों सहित प्राइवेट पर्सन शामिल हैं। विजीलैंस की यह कार्रवाई भ्रष्टाचार समाप्त करने और सरकारी विभागों में पारदर्शिता लाने के प्रयासों में एक बड़ा कदम साबित हो रही है।
इनको किया जा चुका गिरफ्तार
पुलिस विभाग- 2 (सिपाही,मुख्य सिपाही)
बिजली विभाग- 2 (एक्स.ई.एन., लेखाकार )
माइनिंग विभाग- 2 (इंस्पैक्टर, हैल्पर)
हुडा विभाग- 2 (कानूनगो, बिचौलिया)
पंचायत विभाग- 10 (एक्स.ई.एन., एस.डी.ओ., जे.ई., लेखाकार, 5 ठेकेदार, पार्षद, पार्षद प्रतिनिधि)
ये मामले रहे चर्चा में
ठेकेदार से मांगी थी 10 प्रतिशत कमीशन
विजीलेंस ने साल 2024 की शुरूआत में कैथल जिला परिषद के वार्ड-11 के पार्षद विक्रमजीत व वार्ड-3 के पार्षद प्रतिनिधि भारत हरसौला को 1 लाख रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया था। इन पर आरोप था कि इन्होंने जींद निवासी ठेकेदार विजेंद्र से विकास कार्यों के बिल पास करवाने की एवज में 10 प्रतिशत कमीशन की डिमांड की थी। इनको करनाल रोड पर शूगर मिल से कुछ दूरी पर कार में एक लाख रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया था।
समझौते के बावजूद मांगी थी रिश्वत
फरवरी माह में कैथल एंटी करप्शन ब्यूरो टीम ने गुहला थाने में कार्यरत सिपाही बजिंद्र को 5000 रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार किया था। इस पर आरोप था कि उसने बच्चों को लेकर हुए झगड़े के मामले का निपटारा करवाने की एवज में गुहला निवासी शिकायतकर्त्ता कुलविंद्र सिंह से रिश्वत के तौर पर 10000 रुपए मांगे थे। आरोपी पुलिस कर्मी 5000 रुपए पहले कुलविंद्र से ले चुका था। इस मामले में ए.सी.बी. कैथल की टीम ने कार्रवाई करते हुए आरोपी पुलिसकर्मी को रंगे हाथों गिरफ्तार किया था।
सफाई घोटाले में 8 आरोपी किए थे गिरफ्तार
2024 मई महीने में कैथल ए.सी.बी. ने जिला परिषद सफाई घोटाले में संलिप्त एक्स.ई.एन., एस.डी.ओ. व अकाऊंटैंट के साथ मामले में संलिप्त 4 ठेकेदारों को गिरफ्तार किया था।
इनके अलावा अगस्त महीने में एक अन्य ठेकेदार को गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में पिछले करीब 4 साल से ए.सी.बी. की टीमें जांच में जुटी हुई थीं। इस मामले में कभी भी 7 आरोपियों की गिरफ्तारी पैंडिंग है, जबकि गिरफ्तार अधिकतर आरोपी कोर्ट से जमानत पर जेल से बाहर आ गए हैं।
जमीन की निशानदेही देने की एवज में मांगी थी 5 लाख की रिश्वत
साल के अंत में एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने लैंड इक्वीजन विभाग पंचकूला के कानूनगो व शहर के एक दलाल को जमीन की निशानदेही देने की एवज में 5 लाख रुपए की रिश्वत लेने के आरोप में रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। टीम ने आरोपियों के कब्जे से 5 लाख रुपए की राशि भी बरामद की थी। इस संबंध में शहर निवासी राज कुमार ने विजीलैंस को दी शिकायत में आरोप लगाया था कि उसने सैक्टर-18 में जमीन खरीदने का इकरारनामा किया हुआ था।
उसने जमीन की निशानदेही करवानी थी, जिसके लिए पंचकूला के लैंड इक्वीजन विभाग के कानूनगो कर्मवीर ने 30 लाख रुपए रिश्वत की मांग की थी। उन्होंने 20 लाख रुपए पहले दे दिए थी। बाद में आरोपी ने निशानदेही की प्रति देने के लिए 5 लाख रुपए और देने की मांग की। टीम ने घूसखोर कानूनगो कर्मवीर और दलाल कर्ण सिंह को ट्रैप लगाकर काबू किया था।
रिश्वतखोरों की बेझिझक दें सूचना: इंस्पैक्टर महेंद्र सिंह
कैथल एंटी करप्शन ब्यूरो के इंस्पैक्टर महेंद्र सिंह ने बताया कि अगर कोई सरकारी या गैर-सरकारी अधिकारी/कर्मचारी किसी भी प्रकार के सरकारी कार्य के बदले किसी प्रकार की रिश्वत की मांग करता है या कोई अन्य प्रकार की सहायता लेता है तो उसकी सूचना दें।