करगिल विजय दिवस: देश हमारे रणबांकुरों के बलिदान को कभी नहीं भूलेगा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

आज करगिल विजय दिवस है. आज करगिल की विजय गाथा को याद कर देश गौरवान्वित हो रहा है. आज से 21 साल पहले दुश्मन ने जम्मू-कश्मीर में करगिल, द्रास, बटालिक की चोटियों पर बुरी निगाह डाली थी. भारत के वीर जवानों ने अपने प्राणों का बलिदान देकर इन चोटियों की रक्षा की और इसे पाकिस्तान के कब्जे से मुक्त कराया. भारतीय सेना के इन सैनिकों के अदम्य साहस और कुर्बानी को याद और नमन करने के लिए देश हर साल 26 जुलाई को करगिल विजय दिवस मनाता है.

इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह और इंडियन आर्मी ने शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी है और कहा है कि देश इन रणबांकुरों के बलिदान को कभी नहीं भूलेगा.

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि करगिल विजय दिवस भारत के स्वाभिमान, अद्भुत पराक्रम और दृढ़ नेतृत्व का प्रतीक है. मैं उन शूरवीरों को नमन करता हूं, जिन्होंने अपने अदम्य साहस से करगिल की दुर्गम पहाड़ियों से दुश्मन को खदेड़ कर वहां पुनः तिरंगा लहराया. मातृभूमि की रक्षा के लिए समर्पित भारत के वीरों पर देश को गर्व है.

साल 1999 की सर्दियों में पाकिस्तान की सेना ने मौका देखकर जम्मू-कश्मीर की कुछ चोटियों पर कब्जा कर लिया था. अप्रैल के आखिर और मई के शुरुआत में जब इन चोटियों की बर्फ पिघली तो भारत सरकार को पाकिस्तान की घुसपैठ की जानकारी हुई. पाकिस्तान को यहां से खदेड़ने के लिए 5 मई से 26 जुलाई तक कश्मीर की चोटियों पर दुश्मन के साथ हमारी सेनाओं का युद्ध हुआ. भारतीय सेना के कई जवान इस युद्ध में शहीद हुए. इन जवानों के बलिदान को आज देश नम आंखों से याद कर रहा है.

करगिल दिवस के मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, रक्षा राज्यमंत्री श्रीपद नायद और तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने करगिल युद्ध में सर्वोच्च बलिदान देने वाले सैनिकों को श्रद्धांजलि दी. रक्षा मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के दायरे में हम जो कुछ भी करते हैं, वह हमेशा आत्मरक्षा के लिए करते हैं, आक्रमण के लिए नहीं. अगर दुश्मन देश ने कभी हमारे ऊपर आक्रमण किया, तो हमने यह भी साबित कर दिया कि कारगिल की तरह हम उसे मुंहतोड़ जवाब देंगे.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने करगिल के जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि करगिल विजय दिवस सचमुच में भारत की अद्भुत सैन्य सेवा परंपरा, अदम्य साहस और बलिदान का उत्सव है. हमारी सशस्त्र सेनाओं के साहस और उनकी देशभक्ति ने ये सुनिश्चित कर दिया है कि भारत सुरक्षित है.

करगिल युद्ध में दुश्मन के गोले-बारूद को अपने सीने और भुजाओं में झेलकर अपना अंग गंवाने वाले वीर जवानों को भी राजनाथ सिंह ने याद किया है. उन्होंने कहा कि युद्ध में दिव्यांगता को प्राप्त करने के बावजूद ये जवान अपने अपने तरीके से देश की सेवा कर रहे हैं और देश के सामने ऐसा आचरण प्रस्तुत कर रहे हैं, जिसका अनुकरण किया जा सके.

करगिल विजय दिवस पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भी शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि दी है. राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि कारगिल विजय दिवस पर मैं उन वीरों को नमन करता हूं जो सब कुछ समर्पित करके भी भारत की रक्षा करते हैं. जय हिंद.

भारतीय सेना ने अपने जवानों को याद करते हुए कहा है कि करगिल विजय दिवस के रूप में अंकित हुआ 26 जुलाई मई-जुलाई 1999 में देश की गौरवपूर्ण विजय की रोमांचक कहानी है.

इडियन आर्मी ने कहा कि भारतीय सेना हमारे नायकों के अदम्य साहस, असीम शौर्य और बलिदान को नमन करती है.

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