मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार ने फैसला किया है कि वह बैंड बजाने वालों को आधुनिक तरीके सिखाने की ट्रेनिंग देगी। शनिवार को यह बात मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सीआईआई की वार्षिक बैठक में कही। उन्होंने कहा कि शादी और पार्टियों में आजकल बैंड बजाने वालों की काफी मांग होती है। ऐसे में यदि राज्य के बैंड वालों को बाहर बुलाया जाएगा तो इससे उनकी आमदनी बढ़ेगी। इसके लिए हमें कुछ नया करना होगा।
कमलनाथ ने कहा कि बैंड वालों को ट्रेनिंग देने के लिए फैकल्टी रखी जाएगी। उन्हें प्रशिक्षित करने के बाद सरकार मांग के हिसाब से रोजगार देगी। राज्य में रोजगार की अपार संभावनाएं मौजूद हैं लेकिन जरूरत है तो बस उनपर ध्यान देने की। पुराने लागों की तुलना में आज की पीढ़ी पूरी तरह से अलग है। वह कुछ नया करना चाहती है। यह तभी संभव हो सकता है जब राज्य में निवेश हो। आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने के लिए छोटा सा निवेश भी महत्वपूर्ण है।
राज्य के मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि स्किल आजकल एक फैंसी शब्द बनकर रह गया है। इस शब्द के उपयोग से रोजगार नहीं मिलता है। हमने छिंदवाड़ा के युवाओं के लिए कंपनियों से पूछा है कि उन्हें किस तरह के मैनपावर की जरूरत है। युवाओं को उसके हिसाब से ही ट्रेनिंग दी जाएगी। हमें संबंधित क्षेत्र की मांग पर अपना ध्यान केंद्रीत करना होगा और उन्हें जरूरत के हिसाब से प्रशिक्षण देना होगा। आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए ठोस रणनीति बनाने की आवश्यकता है।
कमलनाथ के इस बयान पर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तंज कसा है। उन्होंने म्यूजिक बैंड को प्रशिक्षण देने की घोषणा पर कहा, ‘इस सरकार ने केवल बात करने का काम किया है। उन्हें नौकरियों के नाम पर तो कम से कम मजाक नहीं करना चाहिए। यह सरकार समय काटू अभियान के तहत काम कर रही है और लोकसभा चुनाव का इंतजार कर रही है।’
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