कांग्रेस ने एक प्रदेश अध्यक्ष के अलावा 4 कार्यकारी अध्यक्ष भी बनाए हैं. इनमें बाला बच्चन, रामनिवास रावत, जितू पटवारी और सुरेंद्र चौधरी हैं. बता दें कि अब तक अरुण यादव मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष थे.

इस साल के अंत में मध्यप्रदेश में चुनाव होने हैं. वहीं तीन बार से बीजेपी की सरकार है. शिवराज सिंह चौहान ने अपनी मामा की छवि से प्रदेश के लोगों से खास रिश्ता जोड़ा है. लेकिन, व्यापम, किसानों के मुद्दे और नर्मदा सहित कई मुद्दे पर सरकार बैकफुट पर है. ऐसे में प्रदेश में ऐंटीइनकम्बेंसी जैसा मौहाल बना कांग्रेस जीत की कोशिश कर रही है.

कांग्रेस के साथ राज्य में सबसे ज्यादा दिक्कत पार्टी के लोगों में ही गुटबाजी होना है. शीर्ष नेतृत्व इसे दूर करने का प्रयास कर रही है. पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह नर्मदा यात्रा से लौट आए हैं और उनका कहना है कि वह राजनैतिक व्यक्ति हैं और राजनीति में बने रहेंगे. ऐसे में प्रदेश के चुनाव में उनकी क्या भूमिका होती है, इस पर सबकी नजर बनी हुई है.