कोई भी टीम सिर्फ एक खिलाड़ी के भरोसे विदेश में सीरीज नहीं जीत सकती और ऐसा ही भारतीय क्रिकेट टीम के साथ हो रहा है। इंग्लैंड ने पांच टेस्ट मैचों की सीरीज में भारत पर 3-1 से अजेय बढ़त ले ली है और इसका सबसे बड़ा कारण टीम इंडिया का विराट कोहली पर जरूरत से ज्यादा निर्भर होना है। इससे पहले टीम इंडिया को दक्षिण अफ्रीका में भी तीन मैचों की सीरीज में 1-2 से पराजय का सामना करना पड़ा था। दोनों सीरीज में विराट दोनों ही टीमों में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज थे। इंग्लैंड में चल रही सीरीज में उन्होंने दो शतक के साथ 544 रन बनाए हैं। दोनों ही टीमों में ऐसा और कोई नहीं कर पाया है। विराट इस समय भारत ही नहीं, दुनिया के नंबर-एक बल्लेबाज हैं। उन्होंने सीरीज के चार मैच में 68.00 के औसत से रन बनाए हैं, लेकिन टीम का कोई भी और बल्लेबाज 250 रन का आंकड़ा भी नहीं छू सका है। कोहली पर इस निर्भरता ने टीम इंडिया पर दबाव बनाया, बल्कि दूसरी टीम को यह भरोसा भी दिया कि भारतीय बल्लेबाजी कमजोर है।
वहीं, इस साल की शुरुआत में दक्षिण अफ्रीका में हुई टेस्ट सीरीज में भारतीय कप्तान विराट ने एक शतक के साथ सबसे ज्यादा 286 रन बनाए थे। उनके अलावा इस सीरीज में दोनों ही टीमों का कोई बल्लेबाज शतक नहीं लगा पाया था, लेकिन फिर भी दोनों ही सीरीज में भारत को पराजय का सामना करना पड़ा, क्योंकि उनके अलावा टीम इंडिया में ऐसा कोई बल्लेबाज नहीं है जिसने निरंतरता दिखाई। इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीकी टीम में विराट जैसा प्रदर्शन किसी ने नहीं किया, लेकिन सामूहिक प्रयास से उनकी टीम सीरीज जीतने में सफल रही।