कप्तान कोहली ने माना नटराजन का लोहा : 4 दिसम्बर को होगा महामुकाबला

आईपीएल 2020 में अपनी यॉर्कर गेंदों से सनसनी मचाने वाले तेज गेंदबाज टी नटराजन अब एक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर बन चुके हैं। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कैनबरा में खेले गए तीसरे और आखिरी वन-डे में दमदार खेल से उन्होंने सभी का मन मोहा। मैच से पहले कप्तान कोहली के हाथों राष्ट्रीय टीम की टोपी लेने के बाद वे 232वें वन-डे खिलाड़ी और तमिलनाडु के केवल 5वें तेज गेंदबाज बने। नटराजन अब भारत की ओर से एकदिवसीय क्रिकेट में पदार्पण करने वाले 11वें बाएं हाथ के तेज गेंदबाज हैं।

आखिरा मैच में टीम इंडिया की जीत में नटराजन का अहम योगदान रहा, उनके दोनों ही विकेट जीत के लिए बेहद अहम थे। मार्नश लाबुशेन को आउट कर उन्होंने सीरीज में पहली बार पावरप्ले में अपनी टीम को विकेट दिलाया तो 48वें ओवर में एश्टन एगर के रूप में ऐसे खिलाड़ी को आउट किया जो ऑस्ट्रेलिया के अंतिम विशेषज्ञ बल्लेबाज थे। 29 वर्ष की उम्र में अंतरराष्ट्रीय डेब्यू करने वाले नटराजन ने इससे पहले यूएई में खेले गए आईपीएल के 13वें सीजन में चयनकर्ताओं का ध्यान खींचा थाा।

सनराइजर्स हैदराबाद की तरफ से खेलते हुए नटराजन ने टूर्नामेंट में 60 से अधिक यॉर्कर गेंदें फेंकी। उन्होंने अपनी रफ्तार, डेथ ओवरों में शानदार गेंदबाजी और सटीक लाइन लेंथ से सबको चौंकाया। नटराजन ने आईपीएल 2020 का पहला शिकार जहां विराट कोहली को बनाया वहीं खतरनाक बल्लेबाज एबी डीविलियर्स को अपनी यॉर्कर गेंद से बोल्ड कर खूब वाहवाही लूटी।

तमिलनाडु के चिन्नापामपट्टी गांव से निकलकर यूएई होते हुए ऑस्ट्रेलिया में टीम इंडिया का हिस्सा बनने तक का नटराजन का सफर किसी खूबसूरत सपने के पूरा होने जैसा है। क्योंकि आईपीएल 2020 से पहले उन्होंने शायद ही सोचा होगा कि वे ऑस्ट्रेलिया दौरे पर जाएंगे या यूं कहें कि उन्हें टी-20 लीग में भी खेलने की कम ही उम्मीद रही होगी, लेकिन यूएई में खेले गए आईपीएल ने इस बाएं हाथ के तेज गेंदबाज के भाग्य बदल दिए।

बात करें नटराजन के करियर की तो वे 20 साल की उम्र तक टेनिस बॉल से खेलते रहे, उसके बाद उन्हें उनके गुरू जयप्रकाश की वजह से 2011 में टीएनसीए से चौथे डिवीजन क्रिकेट में खेलने का मौका मिला। यही कारण रहा कि उन्होंने अपने गुरू के सम्मान में आईपीएल में अपनी जर्सी पर जेपी नट्टू लिखवाया था। 

नटराजन के मेंटर जयप्रकाश ने कहा था कि इस तेज गेंदबाज की मां ने बेटे की उपलब्धि के बाद भी सड़क किनारे चिकन बेचना नहीं छोड़ा और नटराजन भी इसके लिए उन्हें नहीं मना पाए। जयप्रकाश ने इसके पीछे का कारण बताते हुए उनकी मां के हवाले से कहा कि जब उनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी तब उनके इस काम से परिवार को बहुत मदद मिली थी।

उधर नटराजन ने अपने माता-पिता के लिए घर बनाया। बहनों की पढ़ाई की व्यवस्था की, तमिलनाडु के सलेम जिला स्थित अपने गांव चिन्नापामपट्टी में अकादमी शुरू की और अपने साथियों को खेल नहीं छोड़ने के लिए प्रेरित किया। यह सब उन्होंने तमिलनाडु की गेंदबाजी विभाग की जिम्मेदारियों को संभालते हुए किया। 

नटराजन ने 2015 में प्रथम श्रेणी क्रिकेट में पदार्पण किया लेकिन संदिग्ध गेंदबाजी एक्शन के लिए उनपर रोक लग गई, हालांकि इसके बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और पूर्व क्रिकेटरों की मदद से नए एक्शन के साथ वापसी की। यहां से उन्होंने तमिलनाडु प्रीमियर 2016 में शानदार प्रदर्शन किया और फिर नजरों में आए और आईपीएल से जुड़े। नटराजन को पहले किंग्स इलेवन पंजाब ने 2017 में तीन करोड़ रुपये में खरीदा था लेकिन वह अपने खेल से प्रभावित नहीं कर पाए थे। उन्हें 2018 में सनराइजर्स ने चुना था लेकिन उन्हें इस बार अपना पहला मैच खेलने को मिला और उसके बाद वे टीम के अहम सदस्य बन गए।

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