कनाडा में रह रहे भारतीय छात्र नौकरियों के अवसर में कमी को लेकर चिंतित हैं। एक छात्र ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि मैं विवाद के बारे में इतना नहीं सोच रहा। मैं भविष्य को लेकर अधिक चिंतित हूं।यहां नौकरियों की भारी कमी है और मुझे नहीं पता कि पढ़ाई पूरी करने के बाद नौकरी पाऊंगा या नहीं।
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के बयान के बाद दोनों देशों के बीच आए तनाव के बीच कनाडा में रह रहे भारतीय छात्र नौकरियों के अवसर में कमी को लेकर चिंतित हैं। एक छात्र ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि मैं विवाद के बारे में इतना नहीं सोच रहा। मैं भविष्य को लेकर अधिक चिंतित हूं।यहां नौकरियों की भारी कमी है और मुझे नहीं पता कि पढ़ाई पूरी करने के बाद नौकरी पाऊंगा या नहीं।
ग्रेटर टोरंटो के छात्र चिंतित
ग्रेटर टोरंटो के आसपास के कई भारतीय छात्रों ने भी इसी तरह की भावना व्यक्त की। अन्य छात्र मयंक ग्रेटर टोरंटो में स्वास्थ्य सेवा से जुड़े एक संस्थान में पढ़ाई कर रहे हैं।
मयंक ने कहा कि उन्हें और दोस्तों को दिल्ली और ओटावा के बीच राजनयिक गतिरोध के बाद किसी तरह की कठिनाई का अनुभव नहीं हुआ है, लेकिन टोरंटो में अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद काम नहीं मिलने का विचार रातों की नींद हराम कर रहा है।
उन्होंने कहा कि मैं यहां कई ऐसे मेडिकल डिग्री पाने वालों को जानता हूं जो मनमुताबिक नौकरी पाने में असमर्थ रहने पर बिल भरने के लिए स्टोर में कार्य के साथ कैब ड्राइविंग और रेस्त्रां में काम करने को मजबूर हैं। यहां हमारे सामने बेहद चुनौतीपूर्ण स्थिति है।
टोरंटो के विश्वविद्यालय ने किया आश्वस्त
वहीं, दूसरी ओर टोरंटो के एक विश्वविद्यालय ने कहा है कि भारत से 2,400 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय छात्रों का घर होने पर उन्हें गर्व है। ये छात्र हमारी कक्षाओं और परिसर के जीवन को समृद्ध करते हैं। हम सभी प्रभावित सदस्यों और विशेष रूप से अंतरराष्ट्रीय छात्रों को आश्वस्त करना चाहते हैं कि हम आपका समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।