‘कचरा’ व्यवस्था: जनता के 4.21 करोड़ कंपनी को देकर नगर निगम ने खत्म किया करार

आगरा में घर-घर से कचरा उठाने की योजना को पलीता लगाने वाली कंपनी के खिलाफ नगर निगम ने आखिरकार कार्रवाई कर दी। 17 वार्डों में कूड़ा उठाने का दावा कर रही ग्वालियर की एसआरएमटी वेस्ट मैनेजमेंट कंपनी का करार खत्म कर दिया गया। 

इन वार्डों से 150 टन कूड़ा उठाने की जिम्मेदारी कंपनी की थी, लेकिन 20 से 25 टन तक ही कंपनी कूड़ा एकत्र कर पा रही थी। इस कंपनी को 4.21 करोड़ का भुगतान भी कर दिया गया। इसके बाद नगर निगम की आंख खुली है।

कंपनी को तीन दिन पहले ही नगर निगम की कोर टीम की बैठक के बाद नोटिस जारी किया गया था। नगर निगम ने अरवा कंपनी को भी नोटिस जारी किया है। शहर में कू ड़ा उठाने का काम चार कंपनियां कर रही हैं। 

नगर निगम को 1.47 करोड़ रुपये का नुकसान

नगर निगम ने एसआरएमटी वेस्ट मैनेजमेंट कंपनी को मार्च 2018 से लेकर अप्रैल 2019 तक 4.21 करोड़ रुपये का भुगतान भी कर दिया, जबकि कंपनी ने 4.22 करोड़ रुपये का बिल पेश किया था। 

40 फीसदी यूजर चार्ज के हिसाब से कंपनी को नगर निगम में 1.68 करोड़ रुपये जमा करने थे, लेकिन इस एक साल वह केवल 21.45 लाख रुपये ही जमा कर सकी। इस तरह 1.47 करोड़ रुपये का नुकसान सीधे-सीधे नगर निगम को लगा।

5.50 करोड़ रुपये का दो माह का बिल

कूड़ा उठाने वाली कंपनियों ने दो महीने मई और जून का बिल 5.50 करोड़ रुपये पेश किया था, लेकिन पार्षदों और मेयर की आपत्ति के बाद चार कंपनियों को एक महीने का भुगतान ही किया गया। इसमें 59 लाख रुपये ही कंपनियों को दिए गए। 

भुगतान के विवाद के बाद नगर निगम ने 40 फीसदी कटौती की और पूर्व में किए गए भुगतान की किश्त की भी कटौती इस राशि में से कर ली। पार्षद इस मामले में अफसरों और कंपनी की मिलीभगत का आरोप लगाकर जांच की मांग कर रहे हैं।

खराब काम करने पर करार निरस्त 

नगर आयुक्त अरुण प्रकाश ने बताया कि डोर टू डोर कूड़ा उठाने में कंपनी लगातार लापरवाही कर रही थी। खराब काम करने पर करार निरस्त किया गया है। दो कंपनियों को नोटिस भी दिया गया है।  

बिना सत्यापन कंपनियों को भुगतान 

पार्षद रवि माथुर ने बताया कि कूड़ा उठाने में फेल होने पर भी कंपनियों को ज्यादा भुगतान किया गया है। सत्यापन किए बिना ही कंपनियों को पैसे दिए गए हैं, जबकि क्षेत्र में सफाई व्यवस्था चरमरा गई है। इस घोटाले में अफसरों की मिलीभगत है, इसकी जांच की जाए।

आधा कचरा कुबेरपुर तो आधा सड़कों पर

शहर में सफाई व्यवस्था बदहाल हो गई है। शहर की सड़कों पर बने कूड़ाघर और किनारे रखे डस्टबिन तीन से चार दिन में भी नहीं उठाए जा रहे, जबकि नगर निगम ने सफाई में लगी पांचों कंपनियों को हर दिन दो बार कूड़ा उठाकर कुबेरपुर डंपिंग साइट पर भेजने के लिए कहा है। 

आलम ये है कि विदेशी पर्यटक शहर में जिन रास्तों से आगरा आते हैं, उन सभी प्रमुख मार्गों पर कूड़ा पड़ा हुआ है। जयपुर रोड पर पृथ्वीनाथ फाटक के पास रखे गए डस्टबिन तीन दिन से उठाए नहीं गए। आगरा किला के सामने मंटोला नाले के पास कूड़े के ढेर लगे हैं। 

वहीं, शहर की सड़कों की बेहद खराब है। आवास विकास कॉलोनी, मारुति इस्टेट, शाहगंज, साकेत कॉलोनी, कोठी मीना बाजार, दयालबाग, नगला बूढ़ी, दयालबाग, न्यू आगरा में जगह जगह कचरे के ढेर लगे हैं।

महापौर ने बताया कि मेरे पास लगातार शिकायतें आ रही हैं कि डस्टबिन से कचरा नहीं उठाया जा रहा। ये घोर लापरवाही है। लापरवाह कंपनी पर हम लगातार कार्रवाई कर रहे हैं, पर अब विभागीय अधिकारियों पर भी सख्ती से मानीटरिंग की जाएगी। हर दिन दो बार कूड़ा उठाना पड़ेगा। 

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