हाल के वर्षों का सबसे बड़ा आर्थिक सुधार गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) सरकार के लिए सिरदर्द बन गया है. गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) कलेक्शन उम्मीद से कम होने से केंद्र सरकार चिंतिंत है.
इसलिए राजस्व बढ़ाने के लिए अब सरकार कई ऐसी वस्तुओं-सेवाओं को जीएसटी के दायरे में लाने की तैयारी कर रही है, जिन्हें इससे अभी तक छूट मिली हुई है.
इस बार भी निर्धारित लक्ष्य से जीएसटी कलेक्शन कम हुआ है. इसकी वजह से केंद्र सरकार, राज्य सरकारों को तीन महीने से मुआवजा नहीं दे पाई है. अब सरकार राजस्व बढ़ाने के लिए कई अहम कदम उठा सकती है.
जीएसटी छूट से कई प्रोडक्ट को निकाला जा सकता है. इस पर फैसला 15 दिसंबर को होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक में होगी.
गौरतलब है कि करीब 3 महीने से जीएसटी का मुआवजा न मिलने पर पांच राज्यों ने हाल में केंद्र सरकार से गुहार लगाई है कि यह बकाया तत्काल दिया जाए.
पश्चिम बंगाल, पंजाब, केरल, राजस्थान और दिल्ली के वित्त मंत्री ने एक संयुक्त बयान जारी कर हाल में कहा था कि यह मुआवजा न मिलने से राज्य वित्तीय रूप से भारी दबाव में हैं और केंद्र सरकार ने इसकी कोई वजह भी नहीं बताई है.