बक्शा थाना क्षेत्र के नौपेड़वा बाजार के पश्चिम मड़ैया गांव के समीप शुक्रवार की रात करीब साढ़े बारह बजे बरातियों से भरी जीप सामने से आ रही कंटेनर से टकरा गई। टक्कर इतना भीषण थी कि जीप पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। जीप में सवार एक बच्चे की मौत हो गई और 17 लोग घायल हो गए। जिसमें 12 बच्चे हैं। थानाध्यक्ष ओमनारायण सिंह ने हमराहियों के साथ सभी घायलों को नौपेड़वा सीएचसी अस्पताल भेजवाया। अस्पताल में मौजूद चिकित्सकों ने गम्भीर रूप से घायल पांच बच्चों को बेहतर उपचार के लिए जिला अस्पताल भेज दिया। जिला अस्पताल में इलाज के दौरान एक बच्चें की मौत हो गई जबकि एक को बीएचयू रिफर कर दिया गया है।
बक्शा थाना क्षेत्र के खुंशापुर गांव निवासी अमरू निषाद के घर से बरात सरायख्वाजा थाना क्षेत्र के बैजारामपुर गई थी। बराती खाना खाकर जीप संख्या यूपी 62 डी 6162 पर सवार होकर घर के लिए प्रस्थान किये। जीप चालक नरी गांव निवासी छोटू यादव जीप में 16 नाबालिक बच्चों सहित के साथ कुल 18 लोगों के साथ घर के लिए चलते हुए मई से होते हुए वाराणसी लखनऊ मार्ग पर चढ़ गया। चालक गलत साइड से अभी मात्र तीन सौ मीटर मड़ैया नौपेड़वा पहुंचा ही था तभी सामने से वाराणसी की तरफ जा रही कंटेनर एचआर 55 एक्स 5834 से सीधी टक्कर हो गई। टक्कर होते ही जीप में चीख पुकार मच गई। सूचना पर पहुंचे एसओ ने घायलों को नौपेड़वा अस्पताल ले गए। जहां चिकित्सकों ने गम्भीर रूप से घायल 14 वर्षीय बादल निषाद पुत्र बृजलाल, 10 वर्षीय सौरभ निषाद पुत्र हरिकेश, 15 वर्षीय सन्दीप निषाद पुत्र राजनाथ, 9 वर्षीय निलेश निषाद पुत्र श्यामू निषाद, 9 वर्षीय अजय निषाद पुत्र श्रीप्रकाश निषाद को बेहतर उपचार हेतु जिला अस्पताल भेज दिया गया।
जिला अस्पताल में इलाज के दौरान अजय की मौत हो गई जबकि नीलेश को बीएचयू रिफर कर दिया गया। इसके अलावा 12 वर्षीय एकलव्य निषाद पुत्र मुकेश, 17 वर्षीय आशू निषाद पुत्र श्री प्रकाश, 12 वर्षीय मनीष निषाद पुत्र राजेन्द्र, 14 वर्षीय नीलेश निषाद पुत्र श्यामू निषाद, 9 वर्षीय अजय निषाद पुत्र श्रीप्रकाश, 13 वर्षीय आयुष निषाद पुत्र रत्नाकर, 12 वर्षीय अरविंद पुत्र सुभाष निषाद, 12 वर्षीय अमित निषाद पुत्र राजेन्द्र, 14 वर्षीय बबलू निषाद पुत्र राजाराम, 14 वर्षीय ऊदल पुत्र बृजलाल उर्फ बिरजू,16 वर्षीय मंजीत निषाद पुत्र रामसिंह निषाद, 32 वर्षीय चन्दन निषाद, 18 वर्षीय सुनील निषाद पुत्र राम सिंह निषाद को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई।