कंगाल पाकिस्तान दिन-प्रतिदन कर्ज को बोझ तले दबता ही जा रहा है। जहां एक बार फिर विश्व बैंक ने पाकिस्तान पर रहम दिखाते हुए पाकिस्तान के कर्ज के आवेदन को मंजूरी दे दी है। मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो रविवार को विश्व बैंक ने पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए 300 मिलियन डॉलर के ऋण को मंजूरी दी है। बता दें कि यह ऋण पंजाब स्वच्छ वायु कार्यक्रम (पीसीएपी) के तहत अंतर्राष्ट्रीय विकास संघ (आईडीए) द्वारा प्रदान किया गया है और इसे शुक्रवार को विश्व बैंक समूह के निदेशक मंडल ने मंजूर किया।
पाकिस्तान में प्रदूषण के बढ़ रही चिंता
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में वायु प्रदूषण लोगों के लिए एक बड़ी चिंता का विषय बना हुआ है। शहबाज सरकार भी इसका निपटारा करने में अबतक असफल रही। ऐसे में पंजाब स्वच्छ वायु कार्यक्रम (पीसीएपी) शुरू करना पंजाब के लोगों के लिए थोड़ी राहत की बात होगी, क्योंकि इस कार्यक्रम का उद्देश्य पंजाब में वायु गुणवत्ता प्रबंधन को मजबूत करना। साथ ही इलाके में बढ़ते प्रदूषण को कम करना है। यह पंजाब सरकार की ‘स्मॉग मिटिगेशन एक्शन प्लान’ (एसएमएपी) को सपोर्ट करेगा और पूरे प्रांत में वायु गुणवत्ता और सार्वजनिक स्वास्थ्य को सुधारने के लिए कई पहलें शुरू करेगा, जिससे परिवहन, कृषि, उद्योग, ऊर्जा और नगरपालिका सेवाओं जैसे क्षेत्रों में सुधार किए जाएंगे।
विश्व बैंक के कंट्री डायरेक्टर ने दी जानकारी
पाकिस्तान के लिए विश्व बैंक (डब्ल्यूबी) के कंट्री डायरेक्टर नाजी बेनहासिन ने कहा है कि पंजाब स्वच्छ वायु कार्यक्रम (पीसीएपी) प्रांत की स्मॉग शमन योजना का समर्थन करता है और यह वायु गुणवत्ता में सुधार करने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम से लाखों लोगों के स्वास्थ्य और कल्याण में सुधार होगा, क्योंकि यह श्वसन और हृदय संबंधी बीमारियों को कम करेगा और एक स्वस्थ वातावरण बनाएगा।
पंजाब में ये कार्यक्रम क्यों, समझिए
पंजाब स्वच्छ वायु कार्यक्रम का उद्देश्य श्वसन और हृदय संबंधी बीमारियों को कम करना और एक स्वस्थ, बेहतर वातावरण बनाना है। इस कार्यक्रम का लक्ष्य अगले 10 सालों में पीएम 2.5 के स्तर को 35 प्रतिशत तक कम करना है, जिससे लाहौर डिवीजन के 13 मिलियन लोगों को श्वसन समस्याओं और प्रदूषण से होने वाली बीमारियों से राहत मिलेगी।
वायु गुणवत्ता के लिए पहल
कार्यक्रम में वायु गुणवत्ता सुधारने के लिए कई कदम उठाए जाएंगे, जैसे कि फसल अवशेषों को जलाने की समस्या को कम करने के लिए 5,000 सुपर सीडर का इस्तेमाल किया जाएगा। वहीं 600 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन शुरू होगा ताकि सार्वजनिक परिवहन में प्रदूषण कम हो और पूरे पंजाब में वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशनों का विस्तार होगा। साथ ही दो नई ईंधन परीक्षण प्रयोगशालाएं स्थापित की जाएगी, ताकि ईंधन की गुणवत्ता बेहतर हो सके।