नेपाल में सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के सचिव मंडल की शनिवार को हुई बैठक बेनतीजा खत्म हुई। बैठक में प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष पुष्प कमल दहल प्रचंड की आमने-सामने बात हुई लेकिन उसका कोई नतीजा नहीं निकला। दोनों अपनी-अपनी बातों पर अड़े रहे। पार्टी के अंदरुनी मतभेद जस के तस बने रहे।
प्रधानमंत्री के बालूवाटर स्थित सरकारी निवास पर हुई बैठक में तय किया गया कि अब स्टैंडिंग कमेटी की बैठक समेत पार्टी की सभी बैठकें काठमांडू के धुंबराही स्थित कम्युनिस्ट पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में होंगी। पार्टी के प्रवक्ता नारायण काजी श्रेष्ठ ने कहा, सचिव मंडल की बैठक में पार्टी की अंदरूनी समस्याओं पर चर्चा हुई लेकिन उनका कोई हल नहीं निकला।
पार्टी सूत्रों के अनुसार सचिव मंडल की बैठक से पहले ओली और प्रचंड ने करीब चार घंटे एकांत में वार्ता की लेकिन समस्याओं का समाधान नहीं हो सका। पार्टी में सबसे बड़ा गतिरोध पूर्व प्रधानमंत्री प्रचंड, माधव कुमार नेपाल और कुछ वरिष्ठ नेताओं की यह मांग है कि ओली प्रधानमंत्री या पार्टी अध्यक्ष में से एक पद छोड़ें। ओली से असंतुष्ट तबका पार्टी में एक व्यक्ति-एक पद का सिद्धांत लागू करना चाहता है जिसके लिए ओली तैयार नहीं हैं।
रविवार को पार्टी कार्यालय में होने वाली बैठक में स्टैंडिंग कमेटी प्रचंड और ओली के दिए गए पत्रों पर चर्चा करेगी। इन पत्रों में दोनों ने एक-दूसरे पर आरोप लगाए हैं। प्रचंड ने अपने पत्र में ओली पर पार्टी को विश्वास में लिए बगैर मनमाने तरीके से सरकार चलाने का आरोप लगाया है। उन्होंने ओली पर भ्रष्टाचार का आरोप भी लगाया है। जबकि ओली ने सभी आरोपों से इन्कार किया है। कहा है कि प्रचंड उनके (ओली के) भ्रष्टाचार को साबित करें या फिर झूठा आरोप लगाने के लिए माफी मांगें। इस तरह फिलहाल नेपाल में राजनीतिक संकट गहराता नजर आ रहा है, जिससे इस देश में संकट है।