ऑस्ट्रेलिया यात्रा पर बायो बबल से भारतीय खिलाड़ियों के प्रकाशन, पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगाः संजय मांजरेकर

पूर्व भारतीय बल्लेबाज और मशहूर कमेंटेटर संजय मांजरेकर का कहना है कि इस साल भारत की ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज में स्टीव स्मिथ और डेविड वार्नर के होने से फर्क पड़ेगा क्योंकि उन दोनों बल्लेबाजों की टीम में वापसी होगी। अभिषेक त्रिपाठी ने संजय मांजरेकर से इस दौरे के साथ अन्य मुद्दों पर बातचीत की। पेश हैं मुख्य अंश :

– भारत के पिछले ऑस्ट्रेलियाई दौरे और आगामी दौरे पर दोनों टीमों के प्रदर्शन और उनके खेलने की शैली को लेकर आप क्या कहेंगे?

– पिछला दौरा भारत के लिए बहुत अच्छा था और उन्होंने ऑस्ट्रेलिया को पहली बार हराया था उस सीरीज में पुजारा ने शानदार प्रदर्शन किया था। भारत की गेंदबाजी भी काफी मजबूत थी और इस बार भी ऐसा ही रहेगा। लेकिन इस बार बहुत बड़ा फर्क यह है कि स्मिथ और वार्नर इस ऑस्ट्रेलियाई टीम में वापस होंगे और इससे काफी फर्क पड़ेगा क्योंकि दोनों ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजी के काफी लंबे समय से स्तंभ रहे हैं और इससे थोड़ा सा दबाव भारत पर होगा। स्मिथ को जल्द आउट करना होगा क्योंकि वह बड़े-बड़े शतक बनाते हैं। मैं हमेशा मानता हूं कि भारत जब भी विदेशी दौरे पर जाता है तो टीम की बल्लेबाजी काफी परेशानी खड़ी करती है तो यह सीरीज बराबरी की रहने वाली है।

– क्या आइपीएल का प्रदर्शन इस सीरीज पर प्रभाव डालेगा क्योंकि अभी आइपीएल में स्मिथ और वार्नर अच्छा नहीं कर पाए हैं। आइपीएल में ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों के मुकाबले भारतीय खिलाड़ी ज्यादा अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं?

– मुझे लगता है कि ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों में खासकर स्मिथ का पसंदीदा प्रारूप टेस्ट क्रिकेट है और टी-20 में वह दिग्गज बल्लेबाज नहीं हैं। वार्नर की फॉर्म चिंता का विषय जरूर है और हेजलवुड को आप देखें तो वह टेस्ट गेंदबाज हैं। वार्नर घर में अच्छे बल्लेबाज हैं लेकिन भारतीय गेंदबाजी भी अच्छी है। वार्नर को लेकर थोड़ी चिंता है, खासकर उनका आत्मविश्वास क्योंकि वह रन नहीं बना पा रहे हैं। मिशेल स्टार्क और मार्नस लाबुशाने आए नहीं है। दोनों आइपीएल नहीं खेल रहे हैं तो वार्नर को छोड़कर इतना फर्क नहीं पड़ेगा।

– पहले भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया जाती थी तो उसे स्लेजिंग, बाउंसर जैसी चीजों का सामना करना पड़ता था, लेकिन अब कोरोना का माहौल रहेगा और बायो बबल में खिलाड़ी रहेंगे तो आपको क्या लगता है इसका असर खिलाडि़यों पर पड़ेगा या उन्होंने इसकी आदत डाल ली है?

– देखिए, मैं भी भारतीय टीम के साथ लगभग 11 साल तक रहा हूं और जब हम भारत में होते थे तो बायो बबल में ही होते थे। परेशानी यह होती थी कि आप होटल लॉबी में भी नहीं जा सकते थे क्योंकि बाहर इतने लोग होते थे कि उनका सामना करना मुश्किल होता था। तो हमारी जीवनशैली यही होती थी कि अपने कमरे में या एक-दूसरे के कमरे में रहकर टाइम पास करना है तो मुझे नहीं लगता कि इसका इतना कोई फर्क पड़ेगा। बाहर एक मौका होता है इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका, वेस्टइंडीज में मैंने कई बार भारतीय खिलाड़ियों को घूमते हुए देखा है और वे ये सब नियम पूरे कर लेंगे और मुझे नहीं लगता कि इसका कोई ज्यादा फर्क पड़ेगा।

– सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़ जैसे महान खिलाड़ियों के दौर में भी भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया में सीरीज नहीं जीत पाई और मौजूदा टीम ने सीरीज जीती है। दोनों टीमों में आप क्या अंतर देखते हैं?

– देखिए, जब राहुल द्रविड़ ने संन्यास लिया था तो सभी बोलने लगे थे कि भारत को तीसरे स्थान पर कौन मिलेगा जो उनकी जगह लेगा तब मैंने कहा था कि भारत को अगर नंबर तीन पर कोई बल्लेबाज नहीं मिलता है और उसकी जगह तीन विश्वस्तरीय गेंदबाज मिल जाए तो भारत ज्यादा टेस्ट मैच जीत जाएगा और वो फर्क है आज की टीम में। अगर आप भारत की गेंदबाजी को देखें तो उसमें तीन विश्वस्तरीय गेंदबाज टीम में जरूर होते हैं। जिस टीम में इतने गेंदबाज होते हैं तो वह टीम ज्यादा टेस्ट मैच अपने नाम करती है। यही कोहली की टीम में फर्क है और बहुत की कम बार देखा गया है कि कोहली की टीम में तीन विश्वस्तरीय गेंदबाज नहीं हों।

– ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड जैसे देशों में समर्थक भारतीय टीम के ज्यादा दिखाई देते हैं और कोहली व टीम को इन प्रशंसकों से फायदा मिलता है क्योंकि वे उनका हौसला बढ़ाते हैं। इस बार दर्शक नहीं होंगे तो इसको कैसे देखते हैं?

– उन सभी को थोड़ा सा अलग महसूस होगा, लेकिन अभी उन्हें आदत पड़ गई है क्योंकि आइपीएल में इतने ज्यादा प्रशंसक होते हैं और अब उनके बिना खेल रहे हैं। तो टीम को इसका अभ्यास हो गया है। कोहली प्रशंसकों से सबसे ज्यादा प्रभावित और उत्तेजित होते हैं और स्लेज करने पर वह सकारात्मक प्रदर्शन भी करते हैं। लेकिन ऐसा नहीं है कि दर्शक नहीं होंगे तो विराट प्रदर्शन नहीं कर पाएंगे। आइपीएल में भी दर्शक नहीं हैं, लेकिन प्रदर्शन कर रहे हैं।

– ऑस्ट्रेलिया के लिए भारतीय टीम का चयन नहीं हुआ है और इशांत शर्मा चोटिल हैं। आपके अनुसार किस संयोजन के हिसाब से टीम को ऑस्ट्रेलिया लेकर जाना चाहिए?

– जब टेस्ट टीम का चयन हो तो सबसे पहले हमें न्यूजीलैंड में भारतीय खिलाडि़यों और रणजी ट्रॉफी के प्रदर्शन को देखना चाहिए। आइपीएल या सीमित प्रारूपों की सीरीज के प्रदर्शन को नहीं देखना चाहिए। रोहित शर्मा ओपनिंग करेंगे क्योंकि न्यूजीलैंड दौरे पर वह चोटिल थे, इसलिए पृथ्वी शॉ को मौका मिल गया। उनके साथ मयंक अग्रवाल होंगे। फिर चेतेश्वर पुजारा आ जाएंगे। नंबर चार पर विराट कोहली, पांच पर अजिंक्य रहाणे खेलेंगे क्योंकि टेस्ट में उनका प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है।

हनुमा विहारी वापस आ जाएंगे और उनके साथ शुभमन गिल भी एक विकल्प होंगे। विकेटकीपर रिद्धिमान साहा को होना चाहिए। अभी सर्वश्रेष्ठ टेस्ट विकेटकीपर साहा हैं। टेस्ट क्रिकेट में अगर आप एक कैच छोड़ दें तो वह बल्लेबाज 300 रन भी बना सकता है। कीपर का अच्छा होना और तेज गेंदबाज के खिलाफ बहुत महत्वपूर्ण हैं। कीपिंग करना बहुत महत्वपूर्ण है और इसलिए साहा को विकेट के पीछे होना चाहिए। इशांत शर्मा, शमी, बुमराह ये तीन तेज गेंदबाज होने चाहिए। इसके अलावा अश्विन और जडेजा भी रहें और यह अच्छा संयोजन होगा। मुझे लगता है कि चयनकर्ता भी इससे ज्यादा कुछ अलग नहीं करेंगे।

– आपको लगता है कि ऑस्ट्रेलिया को फिर से स्टीव स्मिथ को कप्तानी दे देनी चाहिए?

– टिम पेन ने कप्तानी में अच्छा काम किया है। बल्लेबाजी में भी उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया है। ऐसा भी नहीं है कि स्मिथ बहुत बढि़या कप्तान है। मुझे नहीं लगता है कि अभी स्मिथ को कप्तानी देंगे और टिम पेन को ही कप्तानी जारी रखनी चाहिए।

– आज कल लोग ट्विटर पर कमेंटेटरों को ट्रोल बहुत करते हैं कि आपने इतना खेला नहीं और प्रतिक्रिया दे रहे हैं। आपने भी जवाब दिए हैं तो इन्हें कैसे आप संभालते हैं?

– पहले भी ऐसे लोग होते थे जो पेड़ के नीचे चाय पीते हुए बोलते थे, लेकिन आज कल ये लोग ट्विटर पर बोलते हैं। मुझे इतना फर्क नहीं पड़ता। उनसे बात करो तो आपको पता चलेगा कि उनके अंदर क्रिकेट को लेकर कितना जोश है। यह एक जोश है, ट्रोलिंग नहीं है। भारत में क्रिकेट को लेकर जोश है। आइपीएल के टीवी प्रसारण के अधिकार करोड़ों में बिकते हैं क्योंकि ये क्रिकेट को लेकर जोश के कारण हैं।

ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर भारतीय टीम जा रही है। भारतीय टीम चार टेस्ट और तीन वनडे मैचों की सीरीज खेलेगी। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पहला टेस्ट मैच 3 दिसंबर से शुरू होगा। 

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