दिल्ली विश्वविद्यालय की अंतिम वर्ष की परीक्षा 10 अगस्त से ऑनलाइन आयोजित होंगी जो 31 अगस्त को खत्म होंगी।
यह जानकारी विश्वविद्यालय ने दिल्ली हाईकोर्ट को मंगलवार को दी। इसके साथ ही विश्वविद्यालय ने हाईकोर्ट को ये भी बताया है कि जो बच्चे ऑनलाइन परीक्षा देने से बच जाएंगे उनकी परीक्षा सितंबर में कॉलेज में होगी।
हाईकोर्ट ने यूजी के अंतिम वर्ष की परीक्षा 15 अगस्त तक रद्द करने के फैसले पर डीयू प्रशासन को फटकार लगाते हुए परीक्षाओं के कार्यक्रम पर 13 जुलाई तक विस्तृत हलफनामा मांगा था।
पूर्व की सुनवाई में पीठ ने कहा था कि परीक्षाएं काफी दबाव डालने वाली होती हैं और हजारों छात्रों का करियर दांव पर है। अदालत ने मॉक परीक्षा में आई खामियों का उल्लेख करते हुए डीयू प्रशासन की आलोचना की।
न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने संबंधित याचिका पर सुनवाई करते हुए डीयू को निर्देश दिया था कि वह एक हलफनामा दायर कर स्नातक अंतिम वर्ष की परीक्षाओं के विस्तृत कार्यक्रम का ब्यौरा दे।
यह बताया जाए कि परीक्षाएं ऑनलाइन, ऑफलाइन या दोनों तरह से कैसे और किन तारीखों पर होंगी ताकि छात्रों को स्पष्ट जानकारी मिल सके।
अदालत ने दिल्ली विश्वविद्यालय का पक्ष रख रहे वकील सचिन दत्त द्वारा अतिरिक्त समय प्रदान किया। दत्त ने कोर्ट को बताया था कि यूजीसी के नए दिशा-निर्देशों के अनुसार परीक्षा आयोजित करने की नई योजना बनाने के लिए विश्वविद्यालय को समय चाहिए। इसके बाद पीठ ने अगली सुनवाई के लिए 14 जुलाई की तारीख तय की है।
डीयू प्रशासन के रवैये पर पीठ ने कहा कि हम सभी परीक्षा प्रक्रिया से गुजरे हैं और यह छात्रों के लिए काफी मशक्कत वाली होती है, खास कर वैश्विक महामारी कोविड-19 के दौरान। पीठ ने डीयू प्रशासन से पूछा कि परीक्षाओं को 15 अगस्त से आगे क्यों खिसका रहे हैं जबकि हजारों छात्रों का करियर दांव पर है।
पीठ ने कहा था कि वह यूजीसी के कार्यक्रम पर विचार करे और एक निश्चित तिथि और कार्यक्रम के साथ आए। जिसके बाद आज डीयू ने अपना कार्यक्रम हाईकोर्ट को सौंपा है।