ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की ब्लैक मार्केटिंग के आरोपों में फंसे नवनीत कालरा को दिल्ली कोर्ट से जमानत मिल गई है. नवनीत कालरा के वकील ने अदालत को सुनवाई के दौरान बताया कि हम पर कालाबाजारी का इल्जाम लगाया जा रहा है. बताया जा रहा है कि हमने ज्यादा पैसों में यह कंसंट्रेटर बेचे, जबकि जो कंसंट्रेटर हमने 60000 रुपए में लोगों को बेचे, वही ऐमेज़ॉन और इंडिया मार्ट पर 89000 और 95000 तक में बिक रहे हैं.
कालरा के वकील ने कोर्ट से कहा कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म ऑक्सीजन कंसंट्रेटर को आज भी हमसे अधिक रेट में बेच रहे हैं. कालरा के वकील विकास पाहवा ने कहा कि मैं या फिर मैट्रिक्स कंपनी अकेली नहीं थी, जिसने चीन से ऑक्सीजन कंसंट्रेटर आयत कर लोगों को दिए. काफी सारे और लोगों ने भी ऑक्सीजन कंसंट्रेटर चीन से ही मंगाए, और इसी कंपनी के मंगाए. आरोपी नवनीत कालरा की ओर से कालाबाजारी और जमाखोरी के आरोपों को ख़ारिज करते हुए कोर्ट को बातया है कि दूसरों के मुकाबले कम कीमत पर उसने ऑक्सीजन कंसंट्रेटर बेचे और दोस्तों की सहायता के लिए कंसंट्रेटर खरीदने और दूसरे आरोपियों के साथ समानता का आधार दिया.
जबकि दिल्ली पुलिस का कहना था कि नवनीत कालरा के पास ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की बिक्री करने का कोई लाइसेंस नहीं था. नवनीत कालरा होटल संचालित करता था. ऐसी सूरत में वह ऑक्सीजन कंसंट्रेटर कैसे बेच सकता था. होटल चलाने वाली जगह पर ही उसने ऑक्सीजन कंसंट्रेटर उसकी होर्डिंग भी की और उन्हें मनमानी कीमतों पर बेचा.