फूल की बात करें तो यह पूजा में भगवान को चढ़ाये जाते हैं और यह बहुत खूसबूरत होते हैं और भगवान को खूब पसंद भी आते हैं. ऐसे में फूल सभी देवी देवताओं को चढ़ाये जाते हैं और शुभ कार्य में फूलों के होने से अनुष्ठान की पवित्रता और भव्यता बढ़ जाती है. कहते हैं फूल या पुष्प प्रसन्नता और उत्साह में वृद्धि करते हैं. इसी के साथ फूल चढाने से देवता तथा भगवान भी प्रसन्न होते हैं.
कहा जाता है पुष्प यदि भगवान की पसंद के हों तो सोने पर सुहागे जैसी बात होती है. इसी के साथ धर्म पुराणों के अनुसार भगवान या देवी देवता भोग , तपस्या , सोना , चांदी , रत्न आदि से भी उतने प्रसन्न नहीं होते जितने कि पुष्प चढ़ाने से होते हैं. कहा जाता है भगवान को फूल या पुष्प जरुर अर्पित करने चाहिए लेकिन पूजा के लिए फूल लेते समय इन बातों का ध्यान जरुर रखना चाहिए. पूजा में भगवान या देवता को चढ़ाए जाने वाले फूल बासी , कटे फटे , गंदे , कीड़े लगे हुए , जमीन पर गिरे हुए , दूसरों से मांगे हुए या चुराए हुए नहीं होने चाहिए. इसी के साथ कमल और कुमुद के फूल ग्यारह दिन तक बासी नही माने जाते. कहते हैं इनमे चंपा की कली के अलावा किसी भी फूल की कली भगवान को नही चढ़ाई जा सकती. इसी के साथ फुलमाला में कमल की माला को सर्वश्रेष्ठ माना जाता है. कहा जाता है इससे पूजा सफल हो जाती है.