जी हां राजस्थान में एक जगह ऐसा भी है, जहां मुस्लिम समुदाय के लोग दरगाह में जन्माष्टमी पर्व धूमधाम से मनाते हैं। जयपुर से 200 किलोमीटर दूर झुंझुनू जिले के चिरवा स्थित नरहर दरगाह, जिसे शरीफ हजरत हाजिब शकरबार दरगाह के रूप में भी जाना जाता है।भारत त्योहारों का देश है और यहां पर आज भी कुछ लोग धर्म और कट्टरवाद से ऊपर उठकर खुशी को अहमियत देते हैं हिन्दू- मुस्लिम की एकता की मिसाल बने हुए हैं। आपने अब तक तो सुना होगा कि जन्माष्टमी का त्योहार सिर्फ हिन्दू धर्म के लोग बनाते है लेकिन आपको बता दें कि मुस्लिम धर्म के लोग भी जन्माष्टमी का पर्व धूमधाम से मनाते हैं।
इस दरगाह में तीन दिवसीय मनाई जाती है जन्माष्टमी
यहां जन्माष्टमी के अवसर पर तीन दिनों का उत्सव आयोजित किया जाता है। जन्माष्टमी की रात यहां मंदिरों की तरह ही कव्वाली, नृत्य और नाटकों का आयोजन होता है। दरगाह के सचिव उस्मान अली कहते हैं, यह कहना बेहद मुश्किल है कि यह त्योहार कब और कैसे शुरू हुआ। यह राष्ट्रीय एकता की सच्ची तस्वीर पेश करता है। क्योंकि त्योहार को यहां हिंदू, मुस्लिम और सिख साथ मिलकर मनाते हैं। इस समारोह का मुख्य उद्देश्य हिंदुओं और मुस्लिमों में भाईचारे को बढ़ावा देना है। त्योहार के दौरान यहां बिहार, महाराष्ट्र, दिल्ली, हरियाणा, पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश समेत कई राज्यों के लोग आते हैं। उन्होंने कहा, ‘यहां हजारों हिंदू आते हैं और दरगाह में फूल, चादर, नारियल और मिठाइयां चढ़ाते हैं।
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