वो कहते हैं न कि खिलाड़ी खेल छोड़ देता है पर उसे खेलना नहीं भूलता. कुछ ऐसा ही केरल के तेज गेंदबाज एस. श्रीसंत के साथ है. विजय हजारे ट्रॉफी में वो 10 साल बाद लिस्ट ए क्रिकेट खेलने उतरे थे. लेकिन क्रिकेट के इस फॉर्मेट में आज भी उनकी गेंदों में वही धार देखने को मिली, जो 10 साल पहले दिखा करती थी.
श्रीसंत ने अपना आखिरी लिस्ट ए मुकाबला या वनडे 10 साल पहले यानी 2011 क्रिकेट वर्ल्ड कप के फाइनल के तौर पर खेला था. उस मुकाबले के बाद उन्होंने T20 तो खेल लिया पर वनडे मुकाबला खेलने का इंतजार था. और, श्रीसंत का ये इतंजार विजय हजारे ट्रॉफी में ओडिशा के खिलाफ मुकाबला पर आकर थमा.
श्रीसंत ने ओडिशा के खिलाफ मैच में 8 ओवर की गेंदबाजी की, जिसमें उन्होंने 41 रन देकर 2 विकेट चटकाए. इस दौरान उनकी इकॉनमी 5.13 की रही. श्रीसंत ने जिन दो बल्लेबाजों के विकेट उखाड़े वो मध्य क्रम या नीचले क्रम के नहीं बल्कि ओडिशा के टॉप 3 में शामिल 2 बल्लेबाजों के रहे.
श्रीसंत ने भारत के लिए 53 वनडे खेले हैं, जिसमें उन्होंने 33.44 की औसत से 75 विकेट चटकाए हैं. वहीं लिस्ट ए में अब तक खेले 87 मैचों में वो 113 विकेट 35.18 की औसत से झटक चुके हैं. श्रीसंत को IPL 2021 के ऑक्शन में मायूसी हाथ लगी थी, जहां उन्होंने अपना नाम रजिस्टर्ड तो कराया था पर वो नीलामी के लिए शॉर्टलिस्ट नहीं हो सके.
श्रीसंत को उसका मलाल रहा. लेकिन अपने उस गुस्से को उन्होंने अब अपने प्रदर्शन के जरिए दुनिया के सामने रखा है. 38 साल की उम्र में भी उन्होंने ये साबित किया है कि उनमें अब भी दमखम बाकी है.
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