इंदौर क्राइम ब्रांच में चल रही अंदरुनी खींचतान खुलकर सामने आ गई है। लंबी तनातनी के बाद अफसरों ने गुरुवार को टीआइ धनेंद्रसिंह भदौरिया को थाने से हटा दिया। अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (एसीपी) ने उन पर वरिष्ठ अफसरों से अभद्रता का आरोप लगाया है। जबकि टीआइ का दावा है कि उन्होंने अवैध कार्यों का विरोध किया तो थाने से हटा दिया।
निरीक्षक धनेंद्रसिंह भदौरिया को करीब एक साल पूर्व ही क्राइम ब्रांच थाना प्रभारी बनाया था। उनकी पोस्टिंग के साथ ही अफसरों से विवाद होने लगे। गृहमंत्री डाक्टर नरोत्तम मिश्रा के करीबी होने के कारण अफसर टीआइ पर एक्सन नहीं ले पाए लेकिन उनके साथ रहने वाले सिपाही और प्रधान आरक्षकों को लाइन अटैच करने लगे। चार दिन पूर्व विवाद ने तूल पकड़ लिया जब टीआइ ने धोखाधड़ी के एक आरोपित को हवालात में रखने से इन्कार कर दिया। करण भट्ट नामक इस आरोपित को डीसीपी (अपराध) द्वारा गठित टीम के एसआइ लोकेंद्र हिहोरे ने उत्तराखंड से पकड़ा था।
ऐसे बढ़ा मामला – टीआइ ने आरोप लगाया कि करण की विधिवत गिरफ्तारी नहीं ली है। अवैध तरिके से हिरासत में लेकर हवालात में नहीं बैठा सकते। उसके साथ आए दो अन्य युवकों के बयान भी ले लिए। कहासुनी होने पर एसआइ ने डीसीपी का हवाला दिया तो टीआइ ने गु्स्से में अपशब्दों की बौछार कर दी। मामला पुलिस आयुक्त हरिनारायणाचारी मिश्र तक पहुंचा और शाम को अतिरिक्त पुलिस आयुक्त राजेश हिंगनकर ने टीआइ को लाइन अटैच कर दिया। टीआइ ने कहा कि करण के साथ दो ओर युवक थे जिनका कोई दोष भी नहीं था। एसआइ ने उनकी गिरफ्तारी नहीं ली और हिरासत में रख लिया।
जुआ पकड़ने पर भी हुआ था विवाद – टीआइ धनेंद्रसिंह ने छह महीने पूर्व मांगलिया क्षेत्र से जुआ पकड़ लिया था। आयुक्त प्रणाली से बाहर का मामला होने पर भी छापा मारने पर खूब विवाद हुआ। अफसरों ने इस मामले में जांच आदेशित की लेकिन कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं कर पाए।