सीएम मान ने कहा कि हरियाणा के पूर्व सीएम चौधरी देवीलाल ने इस नहर के सर्वे की इजाजत देने पर प्रकाश सिंह बादल के बारे में प्रशंसा भरे बयान दिए थे। मान ने कहा कि यह नेता राज्य से किए गए द्रोह के लिए जिम्मेदार हैं और पंजाबियों की पीठ में छुरा घोंपने वाले इन नेताओं को इतिहास माफ नहीं करेगा।
सतलुज-यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर के मुद्दे पर पंजाब की सियासत में जुबानी जंग तेज होती जा रही है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने प्रमुख विपक्षी नेताओं को एक नवबंर को खुली बहस की चुनौती दी थी, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया था। इसके बाद भी आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। शिअद अध्यक्ष सुखबीर बादल के मंगलवार के मुख्यमंत्री आवास तक कूच के प्रयास पर बुधवार को मुख्यमंत्री मान ने न सिर्फ सुखबीर बादल बल्कि पंजाब भाजपा अध्यक्ष सुनील जाखड़, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग और नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा को निशाने पर लेते हुए एसवाईएल के बारे में उनके पुरखों के कार्य भी गिना दिए।
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने एक प्रेस बयान जारी कर विपक्षी नेताओं को कहा कि एसवाईएल नहर के मसले पर मगरमच्छ के आंसू बहाने से पहले वह अपने पुरखों की ओर से पंजाब से की गई गद्दारी को जरूर याद रखें। उन्होंने कहा कि यह बात सारा जग जानता है कि इन नेताओं के पुरखों ने एसवाईएल नहर के निर्माण का अक्षम्य अपराध करके पंजाब और यहां की नौजवान पीढ़ी के रास्ते में कांटे बोए हैं।
मान ने कहा कि अपने निजी लाभ के खातिर इन स्वार्थी राजनीतिज्ञों ने इस नहर के निर्माण के लिए सहमति और योजनाबंदी को लागू किया। यह तथ्य किसी से छिपा नहीं है कि जब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने कपूरी में एसवाईएल नहर के निर्माण के लिए जमीन खोदने की रस्म अदा की थी, तब उस मौके पर कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ पूर्व केंद्रीय मंत्री बलराम जाखड़ (सुनील जाखड़ के पिता) भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी देवीलाल ने इस नहर के सर्वे की इजाजत देने के लिए पंजाब के अपने समकक्ष प्रकाश सिंह बादल के बारे में प्रशंसा भरे बयान दिए थे। मान ने कहा कि यह नेता राज्य से किए गए द्रोह के लिए जिम्मेदार हैं और पंजाबियों की पीठ में छुरा घोंपने वाले इन नेताओं को इतिहास कभी माफ नहीं करेगा।
सुखबीर से कहा- ओबराय होटल के दस्तावेज साथ लाएं
मुख्यमंत्री मान ने शिअद अध्यक्ष सुखबीर बादल को एक नवंबर को होने वाली खुली बहस में गुरुग्राम के ओबराय होटल के दस्तावेज भी लाने की चुनौती दी। साथ ही सभी विपक्षी नेताओं को खुली बहस में एसवाईएल समझौते संबंधी कागज लाने को भी कहा, जो समझौते उनके पुरखों ने कुर्सी से चिपके रहने के लिए पंजाबियों को धोखा देकर किए थे। इस मुद्दे पर लोगों के सामने दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा कि बलिदानों की आड़ में यह नेता किस तरह गद्दारी करते रहे।
मेरी ड्यूटी अब सतलुज का पानी बचाने की लगी है: मान
विरोधी नेताओं को निशाने पर लेते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘पंजाब के पानी की आप चिंता न करो क्योंकि मेरे पिता बचपन में ही मुझे अपने खेतों का पानी बचाने का जिम्मा सौंप देते थे। परमात्मा की मेहर और लोगों के विश्वास से मेरी ड्यूटी अब सतलुज नदी का पानी बचाने के लिए लगी हुई है, जिसे मैं जी-जान से निभाऊंगा। पंजाब के पास किसी अन्य राज्य को देने के लिए एक बूंद भी अतिरिक्त पानी नहीं है और वह हर हाल में पानी की रक्षा करेंगे।