यह है मंडल का सबसे बड़ा स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल। यहां यदि आपको किसी की एमआरआइ जांच करानी है तो इसके लिए अभी इंतजार करना होगा। कारण यहां पिछले चार दिनों से एमआरआइ की मशीन बंद पड़ी है, यह कब तक चलेगी पता नहीं। प्रतिदिन एक दर्जन से अधिक मरीज यहां लौट जा रहे हैं। बता दें कि यहां एक टेक्नीशियन पूरी एमआरआइ जांच की व्यवस्था संभाल रहा है। एसआरएन अस्पताल में एमआरआइ की जांच के लिए मरीज व तीमारदारों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। डॉक्टर तो मरीज की एमआरआइ जांच कराने के लिए पर्ची पर लिखकर भेज देते हैं लेकिन वहां यह जांच ही नहीं हो पाती है। दूर दराज से आने वाले मरीजों को इसके लिए इधर से उधर भटकना पड़ता है। बुधवार को सुनील कुमार एमआरआइ कराने पहुंचे थे लेकिन उन्हें यह बताकर वापस कर दिया गया कि अभी एमआरआइ नहीं हो पाएगी। ऐसे में सुनील का पर्चा जमाकर लिया गया और इसके लिए पांच सिंतबर को बुलाया गया। एसआरएन में एक माह से बंद है कंट्रास्ट एमआरआइ यह भी पढ़ें यहां स्थिति यह है कि एक टेक्निशियन पूरे एमआरआइ की जांच करता है और उसकी रिपोर्ट भी बनाता है। इन दिनों आलम यह है कि चार दिनों से एमआरआइ नही हो पा रही है। मरीज अपनी यह शिकायत दर्ज कराने के लिए अस्पताल के अधिकारियों से गुहार लगाते हैं लेकिन यहां उनकी सुनने वाला भी कोई नहीं है। रेडियोडायग्नोसिस डिपार्टमेंट के विभागाध्यक्ष डॉ. एसके गुप्ता काफी दिनों से छुट्टी पर चल पर रहे हैं। इस विभाग की देखरेख करने वाला कोई नहीं है। 'मरीजों की संख्या अधिक होने के चलते यहां एमआरआइ जांच में परेशानी होती है। इसे शीघ्र ही चालू कराया जाएगा। ' डॉ.एके श्रीवास्तव, प्रमुख अधीक्षक

एसआरएन अस्पताल में बंद है एमआरआइ जांच

यह है मंडल का सबसे बड़ा स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल। यहां यदि आपको किसी की एमआरआइ जांच करानी है तो इसके लिए अभी इंतजार करना होगा। कारण यहां पिछले चार दिनों से एमआरआइ की मशीन बंद पड़ी है, यह कब तक चलेगी पता नहीं। प्रतिदिन एक दर्जन से अधिक मरीज यहां लौट जा रहे हैं। बता दें कि यहां एक टेक्नीशियन पूरी एमआरआइ जांच की व्यवस्था संभाल रहा है।यह है मंडल का सबसे बड़ा स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल। यहां यदि आपको किसी की एमआरआइ जांच करानी है तो इसके लिए अभी इंतजार करना होगा। कारण यहां पिछले चार दिनों से एमआरआइ की मशीन बंद पड़ी है, यह कब तक चलेगी पता नहीं। प्रतिदिन एक दर्जन से अधिक मरीज यहां लौट जा रहे हैं। बता दें कि यहां एक टेक्नीशियन पूरी एमआरआइ जांच की व्यवस्था संभाल रहा है।  एसआरएन अस्पताल में एमआरआइ की जांच के लिए मरीज व तीमारदारों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। डॉक्टर तो मरीज की एमआरआइ जांच कराने के लिए पर्ची पर लिखकर भेज देते हैं लेकिन वहां यह जांच ही नहीं हो पाती है। दूर दराज से आने वाले मरीजों को इसके लिए इधर से उधर भटकना पड़ता है। बुधवार को सुनील कुमार एमआरआइ कराने पहुंचे थे लेकिन उन्हें यह बताकर वापस कर दिया गया कि अभी एमआरआइ नहीं हो पाएगी। ऐसे में सुनील का पर्चा जमाकर लिया गया और इसके लिए पांच सिंतबर को बुलाया गया।   एसआरएन में एक माह से बंद है कंट्रास्ट एमआरआइ यह भी पढ़ें यहां स्थिति यह है कि एक टेक्निशियन पूरे एमआरआइ की जांच करता है और उसकी रिपोर्ट भी बनाता है। इन दिनों आलम यह है कि चार दिनों से एमआरआइ नही हो पा रही है। मरीज अपनी यह शिकायत दर्ज कराने के लिए अस्पताल के अधिकारियों से गुहार लगाते हैं लेकिन यहां उनकी सुनने वाला भी कोई नहीं है। रेडियोडायग्नोसिस डिपार्टमेंट के विभागाध्यक्ष डॉ. एसके गुप्ता काफी दिनों से छुट्टी पर चल पर रहे हैं। इस विभाग की देखरेख करने वाला कोई नहीं है। 'मरीजों की संख्या अधिक होने के चलते यहां एमआरआइ जांच में परेशानी होती है। इसे शीघ्र ही चालू कराया जाएगा। '  डॉ.एके श्रीवास्तव, प्रमुख अधीक्षक

एसआरएन अस्पताल में एमआरआइ की जांच के लिए मरीज व तीमारदारों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। डॉक्टर तो मरीज की एमआरआइ जांच कराने के लिए पर्ची पर लिखकर भेज देते हैं लेकिन वहां यह जांच ही नहीं हो पाती है। दूर दराज से आने वाले मरीजों को इसके लिए इधर से उधर भटकना पड़ता है। बुधवार को सुनील कुमार एमआरआइ कराने पहुंचे थे लेकिन उन्हें यह बताकर वापस कर दिया गया कि अभी एमआरआइ नहीं हो पाएगी। ऐसे में सुनील का पर्चा जमाकर लिया गया और इसके लिए पांच सिंतबर को बुलाया गया।

यहां स्थिति यह है कि एक टेक्निशियन पूरे एमआरआइ की जांच करता है और उसकी रिपोर्ट भी बनाता है। इन दिनों आलम यह है कि चार दिनों से एमआरआइ नही हो पा रही है। मरीज अपनी यह शिकायत दर्ज कराने के लिए अस्पताल के अधिकारियों से गुहार लगाते हैं लेकिन यहां उनकी सुनने वाला भी कोई नहीं है। रेडियोडायग्नोसिस डिपार्टमेंट के विभागाध्यक्ष डॉ. एसके गुप्ता काफी दिनों से छुट्टी पर चल पर रहे हैं। इस विभाग की देखरेख करने वाला कोई नहीं है। ‘मरीजों की संख्या अधिक होने के चलते यहां एमआरआइ जांच में परेशानी होती है। इसे शीघ्र ही चालू कराया जाएगा। ‘

डॉ.एके श्रीवास्तव, प्रमुख अधीक्षक

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