एम्स में भर्ती पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली की हालत नाजुक है। वह आईसीयू में भर्ती हैं। रविवार को एम्स काफी संख्या में लोग उनके स्वास्थ्य का हालचाल लेने के लिए पहुंचे।
Delhi: Defence Minister Rajnath Singh arrives at All India Institute of Medical Sciences (AIIMS) where Former Finance Minister Arun Jaitley is admitted. pic.twitter.com/cRppar9XRt
— ANI (@ANI) August 18, 2019
रविवार सुबह करीब 9.30 बजे आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत समेत नेता उनको देखने के लिए पहुंचे, जिनमें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, सांसद और पूर्व खिलाड़ी गौतम गंभीर और रामविलास पासवान शामिल रहे।शाम को उनको देखने के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह और पूर्व केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ एम्स पहुंचे।
एम्स सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि अरुण जेटली को एम्स के कार्डियो न्यूरो सेंटर में भर्ती किया गया है। जेटली फिलहाल एक्स्ट्राकोर्पोरियल मेम्ब्रेन ऑक्सीजनेशन (ECMO) और इंट्रा एओर्टिक बलून पंप (IABP) के सहारे हैं। उनकी डायलिसिस शुरू करने के लिए कहा गया है।
सांस लेने में परेशानी के बाद किया गया भर्ती
66 वर्षीय जेटली को सांस लेने में परेशानी और बेचैनी के बाद 9 अगस्त को एम्स में भर्ती किया गया। दस अगस्त के बाद एम्स ने जेटली को लेकर कोई मेडिकल बुलेटिन नहीं जारी किया है। उनकी हालत को जानने के लिए काफी संख्या में नेता एम्स आ रहे हैं। सूत्रों ने कहा था कि डॉक्टरों की एक मल्टी डिसिप्लनरी टीम उनकी निगरानी कर रही है।
रविवार को भी उनका हालचाल जानने हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल कलराज मिश्रा, आरएसएस नेता डॉ. कृष्णगोपाल, बसपा प्रमुख मायावती, पूर्व सपा नेता अमर भी एम्स पहुंचे।
शुक्रवार को स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि एम्स के डॉक्टर सबसे बेहतर इलाज करने की कोशिश कर रहे हैं। शुक्रवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, केद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एम्स पहुंच कर उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली। इस साल मई महीने में भी अरुण जेटली इलाज के लिए भर्ती हुए।
2014 में नरेंद्र मोदी सरकार में भाजपा की सरकार में अरुण जेटली महत्वपूर्ण हिस्सा रहे। मोदी सरकार की रणनीति बनाने और संकटमोचक रहे। उन्होंने वित्त और रक्षा जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालयों को संभाला।
मई 2018 में हुआ था किडनी ट्रांसप्लांट का ऑपरेशन
ज्ञात हो कि अरुण जेटली लंबे समय से बीमार हैं। बीमारी के कारण वे 2019 में लोकसभा चुनाव के बाद मोदी कैबिनेट में शामिल नहीं हुए। अरुण जेटली का 14 मई 2018 में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में किडनी ट्रांसप्लांट का सफल ऑपरेशन किया गया।
इसके बाद उन्होंने अप्रैल 2018 की शुरुआत से ही मंत्रालय आना बंद कर दिया। इस दौरान पीयूष गोयल वित्त मंत्रालय का कार्यभार संभालते रहे। स्वास्थ्य लाभ के बाद 23 अगस्त 2018 को उन्होंने वापस वित्त मंत्रालय का कार्यभार संभाल लिया।
सितंबर 2014 में बैरिएट्रिक ऑपरेशन
इससे पहले अरुण जेटली का सितंबर 2014 में बैरिएट्रिक ऑपरेशन हो चुका है। लंबे समय से मधुमेह के कारण वजन बढ़ने की समस्या के निदान के लिए यह ऑपरेशन किया गया। यह ऑपरेशन पहले मैक्स हॉस्पीटल में हुआ, लेकिन बाद में कुछ दिक्कतें आने के कारण उन्हें AIIMS स्थानांतरित किया गया था। कुछ साल पहले उनके हृदय का भी ऑपरेशन हो चुका है।