 एजेंसी/नई दिल्ली : जलने से जख्मी हुए मरीजों को अत्याधुनिक और बेहतर उपचार मुहैया कराने के लिए प्रतिष्ठि अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में 100 बिस्तरों का बर्न वॉर्ड और प्लास्टिक सर्जरी ब्लॉक का निर्माण किया जाएगा।इस बाबत प्रस्ताव को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है और एम्स प्रशासन निर्माण कार्य शुरू करने के लिए संबंधित एजेंसियों से मंजूरी लेने की प्रक्रिया में है। एम्स के निदेशक एमसी मिश्र ने बताया कि एम्स परिसर के जय प्रकाश नारायण एपेक्स ट्रॉमा सेंटर में 10 मंजिला इमारत बनेगी। इसमें एक ऐसी प्रयोगशाला होगी जिसमें जलने से जख्मी हुए लोगों के लिए कृत्रिम त्वचा बनाने के लिए दवाएं बनाई जा सकेंगी।
एजेंसी/नई दिल्ली : जलने से जख्मी हुए मरीजों को अत्याधुनिक और बेहतर उपचार मुहैया कराने के लिए प्रतिष्ठि अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में 100 बिस्तरों का बर्न वॉर्ड और प्लास्टिक सर्जरी ब्लॉक का निर्माण किया जाएगा।इस बाबत प्रस्ताव को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है और एम्स प्रशासन निर्माण कार्य शुरू करने के लिए संबंधित एजेंसियों से मंजूरी लेने की प्रक्रिया में है। एम्स के निदेशक एमसी मिश्र ने बताया कि एम्स परिसर के जय प्रकाश नारायण एपेक्स ट्रॉमा सेंटर में 10 मंजिला इमारत बनेगी। इसमें एक ऐसी प्रयोगशाला होगी जिसमें जलने से जख्मी हुए लोगों के लिए कृत्रिम त्वचा बनाने के लिए दवाएं बनाई जा सकेंगी।
यह प्रस्ताव एम्स के बर्न और प्लास्टिक सर्जरी विभाग के डा. मनीष सिंघल की तरफ से आया था। उन्होंने कहा कि एक अनुमान के मुताबिक प्रत्येक वर्ष 60-70 लाख लोग आग के शिकार होते हैं। इनमें से करीब 10 फीसदी लोगों की जान को खतरा होता है और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत होती है।
सिंघल ने कहा कि ऐसे मरीजों की जरूरत पूरा करने के लिए राजधानी में 200 से कम शैया हैं। इस मामले से राजधानी पर वास्तव में बोझ पड़ता है, क्योंकि इस तरह के ज्यादातर मरीज दिल्ली के बाहर से आते हैं। वे बिहार, राजस्थान और मध्य प्रदेश जैसे दूर के राज्यों से आते हैं।
सिंघल ने कहा कि दिल्ली में हर साल करीब 70,000 लोग जलने से जख्मी होते हैं और सफदरजंग और अन्य अस्पतालों में 200 बिस्तरों की इकाई राजधानी में जलने से जख्मी हुए मरीजों के बढ़ते बोझ के लिए काफी नहीं है। फिलहाल, सफदरजंग, आरएमएल, लोक नायक जयप्रकाश अस्पताल और दीन दयाल उपाध्याय इन अस्पतालों के पास जलने से जख्मी हुए रोगियों का इलाज करने की सुविधा है। एम्स के पास जलने से जख्मी हुए आपात स्थिति के मरीजों के उपचार करने की सुविधा नहीं है।
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