सरकार की नीतिगत सुधारों के कारण देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) में वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले 8 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई और यह 60.08 अरब डॉलर की नई ऊंचाई पर पहुंच गई। सरकार ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। वाणिज्य मंत्रालय ने यहां एक बयान में कहा, “वित्त वर्ष 2016-17 में एफडीआई में 8 फीसदी की वृद्धि हुई और यह 60.08 अरब डॉलर रही, जबकि पिछले साल यह 55.56 अरब डॉलर थी। यह अब तक का सबसे ज्यादा है। इससे पहले वित्त वर्ष 2015-16 में एफडीआई सबसे ज्यादा दर्ज की गई थी।”

इसमें कहा गया कि एफडीआई में वृद्धि का मुख्य कारण सरकार द्वारा एफडीआई व्यवस्था को व्यावहारिक बनाने के लिए किए गए साहसिक नीतिगत सुधार है। मंत्रालय ने कहा, “एफडीआई नीति में बदलाव तथा विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) द्वारा मंजूरी की सीमा में वृद्धि तथा देश में ‘व्यापार में आसानी’ नीति को बढ़ावा देने से एफडीआई में बढ़ोतरी हुई है।” इसमें कहा गया है, एफडीआई इक्विटी प्रवाह वित्त वर्ष 2016-17 में 43.48 अरब डॉलर रहा, किसी एक वित्त वर्ष में यह सर्वाधिक है।
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