एनडीए में ऐसे हो सकता है सीटों का बंटवारा, केंद्रीय मंत्रियों के टिकट पर भी संकट

एनडीए में ऐसे हो सकता है सीटों का बंटवारा, केंद्रीय मंत्रियों के टिकट पर भी संकट

बिहार में एनडीए ने आपस में सीटों का बंटवारा तो तय कर लिया, लेकिन किसके हिस्से कौन-सी लोकसभा सीटें आएंगी, इस पर अंतिम मुहर लगनी बाकी रह गई है। 40 लोकसभा सीटों में से 17-17 सीटों पर भाजपा और जदयू, जबकि शेष छह सीटों पर लोजपा का लड़ना तय है। सियासी गलियारों से निकल कर आ रही खबरों के अनुसार भाजपा, जदयू और लोजपा ने सीटों को लेकर अपनी दावेदारी जता दी है।एनडीए में ऐसे हो सकता है सीटों का बंटवारा, केंद्रीय मंत्रियों के टिकट पर भी संकट

चर्चा है कि भाजपा बिहार में अपनी सात विजयी सीटें छोड़ेगी। इनमें से छह सीटें जदयू के खाते में, जबकि एक सीट लोजपा के खाते में जा सकती है। वहीं, भाजपा वैसी तीन सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जिनपर पिछले लोकसभा चुनाव में हार गई थी। भाजपा के लिए सबसे बड़ी परेशानी यह है कि उसे अपनी न केवल 13 सीटों की संख्या कम करनी है, बल्कि जीती हुई पांच सीटें भी छोड़नी है। ये पांच सीटें तय करने में पार्टी के पसीने छूट रहे हैं।

दरभंगा के सांसद कीर्ति आजाद और पटना साहिब के सांसद शत्रुघ्न सिन्हा पहले ही बागी हो चुके हैं, जबकि बेगूसराय के सांसद भोला सिंह का निधन हो चुका है। ऐसे में अब सिर्फ दो सांसदों का ही टिकट कटना है। पर, जदयू के साथ सीटों की अदला-बदली के कारण कई और सांसदों पर भी तलवार लटक रही है। भाजपा के लिए मुश्किल यह है कि वह किस सांसद का टिकट काटे?

सबसे पहले एक नजर: कहां से कौन ठोक रहा ताल
भाजपा: पटना साहिब, भागलपुर, शिवहर या पाटलिपुत्र, बेगूसराय, सासाराम, कटिहार, मुजफ्फरपुर, आरा, बक्सर, पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, गया, अररिया, सीवान, सारण, मधुबनी, उजियारपुर
जदयू: मुंगेर, वाल्मीकिनगर, बांका, मधेपुरा, सुपौल, किशनगंज, सीतामढ़ी, काराकाट, जहानाबाद, पूर्णिया, नालंदा, पाटलिपुत्र या शिवहर, औरंगाबाद, दरभंगा, झंझारपुर, महाराजगंज, गोपालगंज
लोजपा: हाजीपुर, जमुई, समस्तीपुर, खगड़िया, वैशाली, नवादा

केंद्रीय मंत्रियों के टिकट पर मंडरा रहा खतरा
जदयू ने भाजपा कोटे की 8 ऐसी सीटों पर दावा किया है, जहां से अभी उसके सांसद हैं। इनमें दो केंद्र में मंत्री हैं। जदयू ने पाटलिपुत्र पर भी दावेदारी ठोकी हुई है, लेकिन भाजपा इसके लिए तैयार नहीं है। यहां से केंद्रीय मंत्री रामकृपाल यादव सांसद हैं। बक्सर पर भी जदयू की नजर है, यहां से केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे सांसद हैं।

जदयू ने लोजपा कोटे की मुंगेर सीट पर दावा ठोका है। यहां से नीतीश कुमार कैबिनेट के मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह की उम्मीदवारी तय है। इसके बदले भाजपा, लोजपा को नवादा सीट दे सकती है। नवादा से केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह सांसद हैं। उनकी सीट बदली जा सकती है। वे बेगूसराय जा सकते हैं। बेगूसराय से भाजपा के रजनीश कुमार भी दावेदार हैं।

रालोसपा के हटने से तीनों सीटें जदयू की
जदयू ने पिछली बार नालंदा और पूर्णिया दो ही सीटें जीती थीं, लेकिन पिछले के पिछले लोकसभा चुनाव 2009 में उसने 25 सीटों पर अपना उम्मीदवार उतारा था। लिहाजा, उसके पास भी दावेदारों की कमी नहीं है। भाजपा के हिस्से की टिकट के अलावे रालोसपा के कोटे की सारी तीन सीट जदयू को ही मिलेगी।

पटना साहिब, खगड़िया, दरभंगा और मधुबनी में पशोपेश
पटना साहिब सीट से बागी नेता शत्रुघ्न सिन्हा का टिकट कटना तय है। यहां से केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, आरके सिन्हा व उनके पुत्र ऋतुराज भी प्रबल दावेदार हैं। सांसद कीर्ति आजाद के कांग्रेस में जाने के बाद यहां से जदयू के संजय झा और भाजपा से नीतीश मिश्रा संभावित उम्मीदवारों की सूची में है। नीतीश मिश्रा की चर्चा मधुबनी से भी है, जहां से भाजपा के वरिष्ठ और चर्चित नेता हुकुमदेव नारायण यादव सांसद हैं। उनके पुत्र के भी मैदान में उतरने की चर्चा है। खगड़िया सीट लोजपा छोड़ने को तैयार नहीं हो रही, जबकि यहां से भाजपा के सम्राट चौधरी दावेदार हैं।

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