एनआरआई सभा पंजाब (NRI Sabha Punjab) के प्रधान पद के लिए शनिवार सुबह 9 बजे मतदान शुरू हो गया। सुबह 11 बजे तक डेढ़ सौ के करीब एनआरआई अपने मत का प्रयोग कर चुके थे। हालैंड, इग्लैंड, फ्रांस कनाडा, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया आदि देशों से एनआरआई वोट देने के लिए सभा के भवन में पहुंच रहे हैं। हालांकि मतदान पर कोरोना वायरस का असर साफ देखने को मिला है। शाम सवा चार बजे तक सिर्फ करीब ढाई सौ सदस्यों ने वोट डाली है। कोरोना वायरस के खतरे के कारण एनआरआईज ने भारते आने से मुंह मोड़ लिया है। वोटिंग में अब केवल 45 मिनट शेष बचे हैं। शाम 5 बजे के बाद वोटिंग बंद हो जाएगी और फिर मतगणना होगा। रात आठ बजे तक परिणाम आने की उम्मीद है।
बता दें कि कंपनी बाग के पास स्थित एनआरआई सभा भवन में मतदान को लेकर हाई सिक्योरिटी की व्यवस्था की गई है। प्रत्येक आने वाले एनआरआई का पहचान पत्र की जांच की जा रही है। अगर किसी के पास पहचान कार्ड नहीं है तो उसे पोलिंग बूथ तक नहीं जाने दिया जा रहा है।
बता दें कि एनआरआई सभा प्रधान पद के लिए मुख्य मुकाबला जसवीर सिंह गिल और कृपाल सहोता के बीच है। पद के तीसरे प्रत्याशी प्रीतम सिंह नौरंगपुर ने गत रात अपना नाम वापस लेकर कृपाल सिंह सहोता को अपना समर्थन देने की बात कह दी थी।
सेहत विभाग की मेडिकल टीम तैनात
एनआरआइ सभा के प्रधान पद के चुनाव में कोरोना वायरस को लेकर सेहत विभाग की ओर से मेडिकल टीम को भी तैनात रखा गया है। जो एनआरआइ मतदान करने के लिए आ रहे हैं, उनके हाथ सैनेटाइजर से साफ करवाए जा रहे हैं। वोटिंग के दौरान एनआआइ सभा के कर्मचारियों ने मुंह पर मास्क भी पहना हुआ है।
पहली बार वर्ष 2010 में हुआ था मतदान, वोटिंग प्रतिशत रहता है कम
एनआरआई सभा के लिए सबसे पहले वर्ष 2010 में चुनाव हुआ था। तब 17000 में से केवल 2196 सदस्यों ने मतदान किया था और कमलजीत सिंह हेयर 1014 वोट लेकर प्रधान बने थे। वर्ष 2013 में दूसरी बार प्रधान पद के लिए चुनाव हुआ। तब जसबीर सिंह गिल 657 वोट हासिल कर प्रधान बने थे। वर्ष 2004, 2005, 2012 में प्रधान पद खाली रहा। इसके बाद वर्ष 2015 से लेकर अब तक प्रधान पद के लिए चुनाव नहीं हो सके थे। अब से पहले दो बार हुए मतदान में मतदान प्रतिशत बहुत ही कम रहा। एक बार 12.91 फीसद तो दूसरी बार केवल 9.22 फीसद वोट ही पड़े। यह आंकड़ा इस बार भी बढऩे की उम्मीद नहीं है।