राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआइटी) पटना के एक छात्र को अब तक का सबसे अधिक का पैकेज मिला है। 43.17 लाख रुपये सालाना अधिकतम पैकेज अमेरिकी सॉफ्टवेयर कंपनी ने कंप्यूटर साइंस के छात्र को दिया है। छात्र और कंपनी का नाम फिलहाल सार्वजनिक नहीं किया गया है।
2019-20 की प्लेसमेंट प्रक्रिया समाप्ति की ओर है। पिछले साल की तुलना में औसत पैकेज लगभग 65 हजार तथा अधिकतम पैकेज 2.5 लाख रुपये तक बढ़ा है। 2017-18 में मधुबनी में कपड़े की दुकान चलाने वाले मनोज कुमार की पुत्री मेधा कुमारी को 39.12 लाख तथा 2018-19 में भी सीतामढ़ी जिले की रहने वाली नैंसी कुमारी को 40.63 लाख रुपये का पैकेज ऑफर किया गया था।
प्लेसमेंट इंचार्ज प्रो. सम्राट मुखर्जी के अनुसार बेहतर ऑफर मिलने का कारण शैक्षणिक वातावरण कंपनियों की जरूरतों के अनुकूल होना है। कंपनी क्या चाहती है, इसकी जानकारी छात्रों को सहज तरीके से उपलब्ध कराई जाती है।
एनआइटी पटना के छात्र ‘कूल वर्क कल्चर’ में दक्ष माने जाते हैं। इस कारण बहुराष्ट्रीय कंपनियों का विश्वास एनआइटी पटना पर बढ़ा है। इसका परिणाम है कि 2015-2016 में जो औसत सीटीसी 4.66 लाख रुपये था वह बढ़कर 6.79 लाख हो गया है।
अमेजन ने 28.5 लाख का दिया ऑफर
अमेजन ने आइटी डिपार्टमेंट के विद्यार्थी को 28.5 लाख रुपये का पैकेज ऑफर किया है। इंफोएज ने पांच छात्रों को 12.5 लाख, सेबर ने आइटी और सीएसई विभाग के तीन-तीन छात्रों को 14-14 लाख रुपये सालाना पैकेज ऑफर किया है। प्लेसमेंट सेल के अनुसार इस बार भी जलवा कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग (सीएसई) और इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (आइटी) के छात्रों का ही रहा। कैंपस प्रक्रिया में शामिल 93.70 फीसद छात्रों को प्लेसमेंट मिला है।
ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चे कर रहे कमाल
प्लेसमेंट सेल के अनुसार ग्रामीण विद्यार्थी बेहतर कर रहे हैं। पिछले दोनों सत्र में अधिकतम पैकेज ग्रामीण पृष्ठभूमि की छात्राओं को ही मिले हैं। इंचार्ज के अनुसार छात्रों को प्रथम सेमेस्टर से ही गाइड किया जाता है। पहले साल में ही लैंग्वेज प्रॉब्लम दूर कर ली जाती है।
बॉडी लैंग्वेज और मार्केट के लिए जरूरी दक्षता में विद्यार्थी दूसरे साल तक खुद को तैयार कर लेते हैं। तीसरे साल से ही छात्रों को नामचीन कंपनियों में एक-एक लाख की स्टाइपेंड इंटर्नशिप के दौरान मिल रही है।