एक बार फिर रुझानों में हुआ फेरबदल बहुमत से नीचे आया महागठबंधन

झारखंड विधानसभा की 81 सीटों पर वोटों की गिनती जारी है। सुबह 9 बजे तक के रुझानों में सत्तारुढ़ दल बीजेपी और कांग्रेस जेएमएम आरजेडी महागठबंधन में कड़ी टक्कर नजर आ रही है।  बीजेपी 34 सीटों पर आगे चल रही है जबकि कांग्रेस जेएमएम आरजेडी का महागठबंधन 32 सीटों पर आगे चल रहा है। रुझानों से लग रहा है कि बीते 19 साल की परंपरा इस बार भी जारी रहेगी। 26 फीसदी आदिवासी आबादी और प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध इस राज्य में 19 सालों में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिल पाया है।

 वर्ष 2000 में बिहार से अलग होकर आस्तित्व में आए झारखंड का राजनीतिक इतिहास बेहद उठापटक भरा रहा है। खिचड़ी सरकार का असर यहां के विकास पर भी पड़ता रहा है। 19 साल के छोटे से समय में ही झारखंड प्रदेश ने 6 मुख्यमंत्री देखे हैं। झारखंड में अब तक रघुवर दास पहले मुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने पांच साल का कार्यकाल पूरा किया है। इससे पहले राज्य में बाबू लाल मरांडी, अर्जुन मुंडा, शिबू सोरेन, मधू कोड़ा, हेमंत सोरेन सीएम बन चुके हैं। 2019 से पहले अब तक चार बार (2000, 2004, 2009, 2014,) विधानसभा चुनाव हुए हैं। इन चारों चुनाव में कोई भी पार्टी अकेले दम पर बहुमत पाने में कामयाब नहीं हो पाई है। 81 विधानसभा सीटों वाले इस राज्य में खंडित जनादेश के कारण राजनीतिक अस्थिरता रही और सत्ता आती जाती रही। इसमें राजनीतिक मौक़ापरस्ती का भी बड़ा रोल रहा। बहुमत के लिए यहां 41 सीटें चाहिए, लेकिन कोई भी पार्टी यहां इतनी सीटें अकेले हासिल नहीं कर पाई।

वर्ष 2014 का झारखंड विधानसभा चुनाव नतीजा
भाजपा को अकेले बूते 37 सीटों हासिल हुईं। बाबूलाल मरांडी की पार्टी झाविमो ने भी खराब प्रदर्शन नहीं किया लेकिन आठ सीटों पर जीत दर्ज करने वाली झाविमो के छह विधायक टूटकर भाजपा में चले गए। झामुमो भी बेहतर प्रदर्शन करते हुए दूसरे सबसे बड़े दल के रूप में उभरा और पार्टी ने एक सीट की बढ़त बनाते हुए 19 विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज की। कांग्रेस महज 6 सीटों पर सिमट गई। अन्य को छह सीटें मिलीं।

वर्ष 2009 का झारखंड विधानसभा चुनाव नतीजा
कांग्रेस (14) झाविमो (11) गंठबंधन को 25 सीटों पर जीत हासिल हुई। भाजपा को जनता ने बड़ा झटका दिया और उसके विधायकों की संख्या महज 18 रह गई। एनडीए गठबंधन को महज 20 सीटों पर ही जीत हासिल हुई। इसमें जदूय विधायकों की संख्या 2 रही। इस चुनाव में भाजपा और झामुमो का पलड़ा बराबर का रहा। झामुमो को भी 18 सीटों पर जीत हासिल हुई। राजद और आजसू विधायकों की संख्या 5-5 रही।

वर्ष 2005 का झारखंड विधानसभा चुनाव नतीजा
2005 के चुनावों में भाजपा के विधायकों की संख्या घटकर 30 रह गई। 17 विधायकों के साथ झामुमो दूसरे सबसे बड़े दल के रूप में उभरा। जबकि कांग्रेस मात्र 9 सीटों पर सिमट गया। इस चुनाव में जदयू को 6 सीटें मिली जबकि राजद को 7। अन्य को 12 सीटें मिली।

वर्ष 2000 का झारखंड विधानसभा चुनाव नतीजा (राज्य का पहला विधानसभा चुनाव)
वर्ष 2000 में भाजपा ने जदयू, समता पार्टी और निर्दलियों के साथ गठबंधन की सरकार बनाई थी। इस चुनाव में बीजेपी को 32, समता पार्टी को 5 और जेडीयू को 3 सीटें मिली थीं। वहीं झामुमो को 12, कांग्रेस को 11, आरजेडी को 9, सीपीआई को 3 और अन्य को 6 सीटें मिली थीं।

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