केंद्र सरकार ने एक बार फिर फेक न्यूज फैलाने और भ्रामक जानकारी देने वाले यूट्यूब चैनलों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। सरकार ने इस मामले में गुरुवार को छह यूट्यूब चैनलों को बैन कर दिया। इन चैनलों पर फर्जी खबर चलाई जा रही थी और लोगों को गुमराह किया जा रहा था। ब्लॉक किए गए सभी चैनलों ने चुनावों, भारत के सर्वोच्च न्यायालय और भारत की संसद में कार्यवाही और भारत सरकार के कामकाज के बारे में गलत खबर और भ्रामक जानकारी फैला रहे थे। सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने यह जानकारी दी है।

प्रमुख टीवी चैनलों के एंकरों के फोटो का कर रहे थे प्रयोग
पीआईबी की फैक्ट चेक यूनिट ने बताया कि इन चैनलों ने लोगों को भरोसा दिलाने के लिए कई प्रमुख टीवी चैनलों के एंकरों की तस्वीर, क्लिकबेट और सनसनीखेज थंबनेल का प्रयोग करते थे। चैनलों ने इसका प्रयोग उनके द्वारा डाले गए वीडियो को मोनेटाईज करने और ट्रैफिक लाने के लिए कर रहे थे। केंद्र ने इस तरह की यह दूसरी कार्रवाई की है। इससे पहले सरकार ने 20 दिसंबर को बड़ी कार्रवाई की थी, जिसमें फर्जी खबर फैलाने वालों तीन चैनलों के खिलाफ कार्रवाई हुई थी।
पहले भी हुई थी इसी प्रकार की कार्रवाई
इससे पहले केंद्र ने फर्जी खबर फैला रहे लाखों सब्सक्राइबर वाले 3 यूट्यूब चैनलों पर शिकंजा कसा था। सूचना और प्रसारण मंत्रालय के पीआईबी (PIB) विभाग की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक ये सभी चैनलों ने फेक न्यूज फैला रहे थे। इन चैनलों के लगभग 33 लाख सब्सक्राइबर थे। इनके वीडियो को 30 करोड़ से अधिक बार देखा गया था। इन यूट्यूब चैनल के नाम न्यूज हेडलाइन्स, सरकारी अपडेट और आजतक लाइव शामिल हैं।
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