एजेंसी/ तमिलनाडु विधानसभा के लिए 16 मई को मतदान होगा। राज्य में विधानसभा की कुल 234 सीटें हैं। इन सीटों पर 3,785 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इनमें महिला उम्मीदवारों की संख्या 320 है, जबकि दो किन्नर उम्मीदवार भी मैदान में हैं। तमिलनाडु की राजनीति का फिल्मी कनेक्शन इस चुनाव में भी साफ नजर आ रहा है। मुख्यमंत्री जे जयललिता, राधाकृष्णन नगर से चुनाव लड रहीं हैं। खुद फिल्मों की अदाकारा रहीं जयललिता तमिल फिल्मों के सुपरस्टार एम जी रामाचंद्रन द्वारा स्थापित राजनीतिक दल की सुप्रीमो हैं।
चुनाव आयोग में दायर हलफनामे में उन्होंने अपनी चल-अचल संपत्ति 113. 73 करोड रुपए बताई है। वहीं डीएमके अध्यक्ष एम करुणानिधि तिरुवरुर से लड रहे हैं। करुणानिधि तमिल फिल्मों के स्क्रिप्ट राइटर रहे हैं और उनके परिवार के लोग फिल्मों में काम करते रहे हैं। उन्होंने हलफनामे में 13.42 करोड रुपए की संपत्ति की घोषणा की है। डीएमडीके के संस्थापक विजयकांत उलुंदुरपेट्टई से लड रहे हैं। कैप्टन विजयकांत तमिल फिल्मों के हीरो रहे हैं। बडे परदे से राजनीति का रुख करने के बाद उन्होंने अपनी पार्टी बना ली। विजयकांत ने अपने हलफनामे में अपनी संपत्ति का ब्योरा 19. 37 करोड रुपए घोषित किया है। उन्होंने खुद पर 4. 81 करोड रुपए का बैंक ऋण भी बताया है।
चुनाव आयोग को दिए गए हलफनामे के अनुसार नंगूनेरी विधानसभा सीट से लडने वाले कांग्रेस के एच वसंत कुमार सबसे अमीर प्रत्याशी हैं। उन्होंने अपनी चल-अचल संपत्ति 332. 27 करोड रुपए बताई है। साथ ही उन्होंने खुद पर 122.53 करोड रुपए का बैंक ऋण भी बताया है। राधाकृष्णन नगर निर्वाचन क्षेत्र से सबसे ज्यादा 45 उम्मीदवार मैदान में हैं। वहीं पीएमके के अंबुमणि रामदॉस पेन्नागाराम से चुनाव लड रहे हैं। अन्नाद्रमुक का कई छोटी पार्टियों के साथ गठबंधन है। लेकिन सभी, 234 विधानसभा सीटों पर अन्नाद्रमुक के चुनाव चिन्ह ‘दो पत्तियां’ पर ही लडेंगे। द्रविड मुनेत्र कडगम (डीएमके) ने कांग्रेस, दो मुस्लिम पार्टियों, एक दलित पार्टी और कई छोटी पार्टियों के साथ हाथ मिलाया है। भाजपा का गठबंधन बडे क्षेत्रीय दलों से नहीं हो पाया है। कुछ छोटे दलों से उनका गठबंधन जरूर हुआ मगर उन दलों का उतना प्रभाव नहीं है।
अंबुमणि रामदॉस की पीएमके अकेले लड रही है। अभिनेता विजयकांत की डीएमडीके ने दो वाम पार्टियों, वीसीके, एमडीएमके और तमिल मनीला कांग्रेस के साथ गठबंधन किया है। चुनाव के दौरान भ्रष्टाचार बडा मुद्दा है जिसे लेकर क्षेत्रीय और राष्ट्रीय दल अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को घेरने की कोशिश कर रहे हैं। तमिलनाडु में अमूमन मुफ्त सौगातों ने कई बार राजनीतिक दलों का चुनावी भविष्य तय किया है। चुनावों के दौरान आम मतदाता की नजर इन मुफ्त सौगातों पर रहती है। इससे पहले के चुनावों में धोती, साडी के अलावा राजनीतिक दलों ने ग्राइंडर से लेकर मिक्सी और फ्रिज तक मतदाताओं को मुफ्त में बांटा है।