नईदिल्ली: अब तक आपने यही सुना होगा वाइन के कई फायदे हैं. लोग खाना बनाने के दौरान भी वाइन का इस्तेमाल करते रहे हैं लेकिन अब ठीक इसके उलट एक रिसर्च में ये बात सामने आई है कि एक गिलास वाइन भी आपके लिए खतरनाक हो सकती है.
क्या कहती है रिसर्च
डेली मेल पर प्रकाशित रिसर्च के मुताबिक, एक छोटा गिलास व्हाइट वाइन पीने से 13 पर्सेंट स्किन कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है. रिसर्च में पाया गया कि एल्कोहल के सेवन से मेलेनोमा (कैंसर का एक टाइप) हाई लेवल तक बढ़ जाता है लेकिन व्हाइट वाइन के सेवन से ये रिस्क और बढ़ जाता है.
एल्कोहल और वाइन का सेवन यानि स्किन कैंसर
जो लोग दिनभर में एक गिलास वाइन या आधा गिलास वाइन पीते हैं उनके शरीर में मेलेनोमा विकसित होने लगता है जो कि स्किन कैंसर का सबसे खतरनाक और रेयर टाइप है. ये रिसर्च 73 पर्सेंट उन लोगों के साथ कंपयेर की गई जो ड्रिंक नहीं करते. यूके में ही हर साल तकरीबन 2500 लोग खतरनाक मेलेनोमा कैंसर की वजह से मर जाते हैं.
सन एक्सपोजर और स्किन कैंसर
सन एक्सपोजर और स्किन कैंसर के बीच गहरा संबंध है लेकिन नई रिसर्च में पाया गया कि व्हाइट वाइन पीने से शरीर के उस हिस्से में कैंसर सेल्स पनपने लगते हैं जिस पर सूरज की रोशनी नहीं पड़ती.
कारण का नहीं है पता
इस स्टडी को करने वाले यूएस की ब्राउन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर इयनयंग चो का कहना है कि ये हैरान करने वाली बात है कि केवल व्हाइट वाइन मेलेनोमा कैंसर बढ़ने के लिए जिम्मेदार है. ऐसा क्यों है इसका अभी कोई कारण सामने नहीं आया है.
कैंसर का मुख्य कारण एल्कोहल
रिसर्च में ये बात भी सामने आई कि दुनियाभर में 3.6 पर्सेंट कैंसर का मुख्य कारण एल्कोहल है. फिर चाहे वो लीवर कैंसर हो या फिर पेनक्रियाज, कोलन, रेक्टम या ब्रेस्ट कैंसर हो. इसका एक बड़ा कारण यह है शराब में इथेनॉल एसीटैल्डिहाइड, कैमिकल पाया जाता है जो कि डीएनए को नुकसान पहुंचा रहा है.
रिसर्च में शोधकर्ताओं ने ये भी पाया कि एल्कोहल और मेलेनोमा के बीच गहरा संबंध है. साथ ही ये बॉडी के उन हिस्सों का खासतौर पर नुकसान पहुंचाता है जिन्हें सन एक्सपोजर नहीं मिलता.
ये स्टडी कैंसर एपिडमिलोजी, बायोमेकर्स एंड प्रिवेंशन में प्रकाशित हुई.