भारत में गाँवों को हमेशा ही पिछड़ा माना जाता है, क्योंकि गाँवों में शहरों के मुकाबले सुविधाए कम रहती है. लेकिन एक गाँव ऐसा भी है जो अपनी सुविधाओ और लोगो के रहन-सहन के मामले में शहरों को भी पीछा छोड़ दे, जिसके कारण यह गाँव देश ही नहीं बल्कि विदेशो में भी चर्चाए बटोर चूका है.
हम बात कर रहे है महाराष्ट्र के अहमदनगर के ऐसे गाँव के किसानों की जिसने सफलता कि कहानी युवाओं के मजबूत इरादों से लिखी है. इस गांव के लोग अपने नाम के पीछे जाती वाला सर नेम नहीं लगाते हैं, बल्कि नाम के पीछे हिवरे बाजार जोड़ा जाता है. भारत के गाँवों में ज्यादातर पंचायत का प्रबंधन बुजुर्गो के हाथो में होता था, 90 के दशक में यहाँ भयंकर गरीबी थी. युवाओ ने इस गाँव को बदलने की काफी कोशिश की, लेकिन उनकी बाते नहीं मानी गयी लेकिन जब हिवरे गाँव के युवा शिक्षा प्राप्त कर वापस आये तो उन्होंने अपने अनुभव और मेहनत से किसानों की जिंदगी बदल दी.
गाँव के 305 परिवारों में से 80 किसान करोडपति बन चुके है. गाँव वालो की लगन और युवाओं पर विश्वास के कारण वे अपने जीवन में काफी आगे बढ़ चुके है. चौकाने वाली बात यह है कि गांव में यह किसान करोड़पति किसी बिजनेस या बड़े उद्योग के चलते नहीं बने हैं, बल्कि खेती के दम पर ही लोगों ने यह पैसा कमाया है. यहां के किसान खेती में आधुनिक तकनीक का प्रयोग करते हैं. गाँव में जैविक खेती का प्रयोग किया जाता है. जिससे अधिक और गुणवत्तापूर्वक उत्पादन होता है, जिसके कारण गाँव के 80 किसान करोडपति बन चुके है. गाँव के परिवार गोबर गैस और सौर ऊर्जा का भी प्रयोग करते है.